क्या होता है बोरे और बासी, क्यों छत्तीसगढ़ वाले खाते हैं, क्या मिलते है फायदे
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क्या होता है बोरे और बासी, क्यों छत्तीसगढ़ वाले खाते हैं, क्या मिलते है फायदे

छत्तीसगढ़ के लोग गर्मियों से बचने के लिए बोरे और बासी खाते हैं. बोरे और बासी खाने से गर्मियों के बचाव के साथ हमारा स्वास्थ्य भी सही रहता है. आइए जानते हैं क्या होता है बोरे और बासी, इसे खाने से क्या होते हैं फायदे ?

 

क्या होता है बोरे और बासी, क्यों छत्तीसगढ़ वाले खाते हैं, क्या मिलते है फायदे

रायपुरः इन दिनों गर्मी और लू ने प्रचंड रुप ले लिया है. जिसकी वजह से हमें बाहर आने जाने में तमाम मुश्किलें आ रही है. गर्मी इस कदर बढ़ गई है कि पंखे और कूलर से भी गरम हवा निकल रही है. लोग गर्मी के बचाव के लिए खाने-पीने वाली चीजों का विशेष ख्याल रखते हैं. ऐसे में हम बात कर रहे हैं, छत्तीसगढ़िया व्यंजन बोरे और बासी की जो न सिर्फ हमें गर्मी और लू से राहत देता है, बल्कि यह खाने में जायकेदार होता है. इसे खाने से डि-हाइड्रेशन और बीपी जैसी समस्या नहीं होती है.

छत्तीसगढ़िया व्यंजन बोरे और बासी की विशेषता बताते हुए आज सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर 1 मई को मजदूर दिवस के दिन प्रदेशवासियों और देश-विदेश के लोगों से बोरे-बासी खाकर किसान और श्रमिकों के सम्मान का आग्रह किया है. आइए जानते हैं क्या है छत्तीसगढ़िया व्यंजन बोरे और बासी जिसे खाने से हम पर गर्मी का प्रभाव नहीं पड़ता है और हमारा स्वास्थ्य भी सही रहता है.  

बोरे और बासी में अंतर
दरअसल कुछ लोग बोरे और बासी को एक ही समझते हैं, लेकिन हम आपको बता दें कि रात को खाना खाने के बाद बचे हुए चावल को पानी में डूबाकर रख दिया जाता है और उसे सुबह उठकर खाया जाता है तो बासी कहते हैं. जबकि रात में चावल बनाकर उसे ठंडा करने के बाद पानी में डालकर खाते हैं तो उसे बोरे कहते हैं. 

खाने में होता है स्वादिष्ट
बोरे और बासी को खाने के लिए हम उसे जायकेदार बनाते हैं. छत्तीसगढ़ के लोग इसके लिए दही या छाछ में स्वादानुसार नमक मिर्ची और प्याज डालकर खाते हैं. जबकि कुछ लोग बोरे या बासी को आचार, पापड़, सलाद और नमकीन के साथ खाते हैं. वहीं आंध्र प्रदेश और केरल के लोग सांभर और इमली के पानी के साथ खाते हैं. 

बोरे बासी खाने के फायदे
छत्तीसगढ़िया व्यंजन बोरे और बासी सिर्फ खाने में ही जायकेदार नहीं होते हैं, बल्कि इसे खाने से हमें प्यास खुब लगती है और ज्यादा पानी पीने  से डि-हाइड्रेशन जैसी समस्या नहीं होती है. इसे खाने के बाद काम पर जाने के बाद शरीर के ताप को नियंत्रित करता है, जिसकी वजह से पड़ने वाली गर्मी और लू का इफेक्ट नहीं पड़ता है. इसे खाने से नीद भी अच्छी आती है जिससे काम करने वाले लोगों की थकान मिट जाती है.

सीएम ने बताई विशेषता
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बोरे और बासी की विशेषता ट्ववीट करते हुए बताया है कि इसे गर्मी के दिनों में खाने से शरीर ठंडा रहता है और पाचन शक्ति मजबूत होती है. उन्होंने बताया कि बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं. सीएम बघेल ने लोगों से आग्रह किया कि हम सभी 1 मई को मजूदर दिवस के दिन बोरे और बासी को खाएं और अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व महसूस करें.

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आपको बता दें कि छत्तीसगढ़िया व्यंजन बोरे और बासी पर अमेरिका में पर शोध किया गया. शोध में पाया गया की इसे खाने से डि-हाइड्रेशन और बीपी को कंट्रौल में रखता है. इसमें पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे इसे खाने से हमारी थकान दूर हो जाती है. यह व्यंजन छत्तीसगढ़ के अलावा व्यंजन दक्षिण भारते के कई राज्यों में खाया जाता है. 

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