देश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्वों में शामिल होगा CG का नया रिजर्व,गुरु घासीदास और तमोर पिंगला को किया गया अधिसूचित
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देश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्वों में शामिल होगा CG का नया रिजर्व,गुरु घासीदास और तमोर पिंगला को किया गया अधिसूचित

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनेगा. छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित कर दिया है. इससे बाघों की सुरक्षा बढ़ेगी और ईको-पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे.

Guru Ghasidas-Tamor Pingla Tiger Reserve

Guru Ghasidas-Tamor Pingla Tiger Reserve: छत्तीसगढ़ का गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित कर दिया है, जिससे राज्य में टाइगर रिजर्व की कुल संख्या चार हो गई है. 2021 में गुरुघासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने का फैसला लिया गया था, लेकिन विरोध और क्षेत्र में मौजूद खदानों के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका. कांग्रेस के शासनकाल में नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने का नोटिफिकेशन रुका हुआ था, विशेष रूप से कोल ब्लॉक, आइल ब्लॉक और मिथेन गैस ब्लॉक के कारण.

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बीजेपी सरकार की भूमिका
पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला सेंचुरी को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भेजा था और एनटीसीए ने इसे मंजूरी भी दी थी. हालांकि, कांग्रेस के शासनकाल में रिजर्व एरिया में खनन ब्लॉकों के कारण मामला अटका रहा. अब जब राज्य में भाजपा सरकार की वापसी हुई है, तो टाइगर रिजर्व के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की स्थापना
छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्रि परिषद की बैठक में गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की स्थापना का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया और इसे औपचारिक रूप से अधिसूचित कर दिया गया है. इस टाइगर रिजर्व के गठन से बाघों की संख्या में वृद्धि की संभावना है क्योंकि यह क्षेत्र उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा और उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित करेगा.

ईको-पर्यटन और रोजगार के अवसर
नए टाइगर रिजर्व के गठन से ईको-पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जैसे गाइड, पर्यटक वाहन संचालन, रिसॉर्ट्स और अन्य पर्यटन संबंधित सेवाएं. इसके साथ ही, राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टाइगर ऑथोरिटी से अतिरिक्त बजट प्राप्त होगा, जो क्षेत्र के विकास और आजीविका सुधार के लिए उपयोगी होगा. गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व 2829.387 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला होगा और देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनेगा. आंध्रप्रदेश का नागार्जुनसागर श्रीसैलम टाइगर रिजर्व 3296.31 वर्ग किमी के साथ देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है, जबकि असम का मानस टाइगर रिजर्व 2837.1 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है.

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