Chhattisgarh News: फेरे होने ही वाले थे कि आ गई डायल 112 टीम, रोक दी शादी, पढ़िए पूरा मामला
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Chhattisgarh News: फेरे होने ही वाले थे कि आ गई डायल 112 टीम, रोक दी शादी, पढ़िए पूरा मामला

Child Marriage Case In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में डायल 112 की टीम ने एक 15 साल की लड़की की जिंदगी खराब होने से बचा ली. उसके फेरे 19 साल के लड़के से होने ही वाले थे, जिसे रुकवा दिया गया. 

child marriage in Korba district of Chhattisgarh

Child Marriage: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक फिल्मी वाक्या देखने को मिला जब डायल 112 की टीम ने आकर एक बाल विवाह रुकवा दिया.  मंगलवार 2 अप्रैल को गिधमुड़ी गांव में एक 15 साल की लड़की की शादी 19 साल के लड़के से की जाने वाली थी. सूचना मिलते ही चाइल्ड लाइन और बाल विकास की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और शादी रुकवा दी, जिससे उस नाबालिग की जिंदगी खराब होने से बच गई.
 
 डायल 112 और चौकी प्रभारी की मुस्तैदी 
मोरगा चौकी प्रभारी को डायल 112 की टीम ने बाल विवाह के बारे में बताया, जिसके बाद चौकी प्रभारी टीम के साथ संबंधित गांव पहुंचें और लड़की के घरवलों और सरपंच, जनपद और वरिष्ठजनों को समझाया कि लड़का-लड़की दोनों की उम्र कानूनन तौर पर शादी के लायक नहीं है. देश के संविधान के मुताबिक विवाह के लिए युवती की उम्र 18 और लड़के की उम्र 21 साल निर्धारित है. जब तक दोनों बालिग नहीं होते शादी अपराध की श्रेणी में आएगा. डायल 112 की टीम और चौकी प्रभारी की समझाईश के बाद परिजनों ने उनकी बात मानी और विवाह के लिए सजाए गए मंडप को हटा दिया था. 

बाल विवाह पर रोक संबंधी कानून 
गौरतलब है कि बाल विवाह पर रोक संबंधी कानून सर्वप्रथम सन् 1929 में पारित किया गया था. बाद में सन् 1949, 1978 और 2006 में इसमें संशोधन किए गए थे. इस समय विवाह की न्यूनतम आयु बालिकाओं के लिए 18 वर्ष और बालकों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई है. बाल विवाह पर रोक के लिए सरकार ने कई कानून बनाए है. इन सब के बावजूद हमें ऐसे कई मामले सुनने को मिलते रहते हैं. इस मामले में डायल 112 की टीम और चौकी प्रभारी की मुस्तैदी से एक नाबालिक युवती का बाल विवाह होने से बच गया. देश के कई समुदाये ऐसे हैं जो आज भी छोटी उम्र में ही लड़कियों की शादी को सही मानते हैं. बाल विवाह कुप्रथा समाज की जड़ों तक फैली है. ऐसे में सभी को मिलकर इसे रोकना होगा. 

छत्तीसगढ़ में बाल विवाह में लड़के आगे 
जब बाल विवाह की बात आती है, तो छत्तीसगढ़ में लड़कों की संख्या लड़कियों से अधिक है. 10.4% लड़के विवाह की कानूनी उम्र 21 वर्ष पूरी होने से पहले ही शादी कर लेते हैं, जबकि इससे विपरीत लिंग के 4.7% पुरुष शादी के बंधन में बंध जाते हैं. वहीं भारत में अब भी पांच में से एक लड़की और छह में से एक लड़के की शादी कानूनी उम्र से कम होने पर ही हो रही है.

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