CG News: छत्तीसगढ़ के धमतरी से बुधवार को एक परिवार के सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आया. खास बात यह है कि परिवार का बहिष्कार सिर्फ इसलिए किया गया कि वह समाज के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाया. अब परिवार के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
Trending Photos
Chhattisgarh News: शासन के तमाम नियम कानूनों के बाद भी धमतरी में एक परिवार सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है. यहां समाज की बैठक में नहीं जाने पर मिट्टी के बर्तन बेचकर जीवन यापन करने वाले रविशंकर कुंभकार के परिवार का दबंगों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया. साथ ही उनका समाज में पूरी तरह से हुक्का पानी भी बंद कर दिया. ऐसे में अब पीड़ित परिवार इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है.
धमतरी शहर के कुम्हार पारा में सामाजिक भवन में महापौर का एक कार्यक्रम रखा गया था. इसमें कुम्हार समाज के सभी परिवार के एक सदस्य को आना अनिवार्य था. पीड़ित रविशंकर कुंभकार का परिवार किसी काम से बाहर गया था. घर में उसका बेटा इंद्र कुमार था, जो कार्यक्रम में शामिल होने गया था, लेकिन कार्यक्रम में अतिथि के आने में देरी होने पर वह वापस लौट आया. जब इस बात की जानकारी समाज के दबंगों को हुई तो उन्होंने बिना किसी सूचना के रविशंकर के परिवार का समाज से बहिष्कार कर दिया.
रोजी-रोटी पर आया संकट
रविशंकर ने बताया कि समाज से बहिष्कृत हुए करीब 10 महीने बीत गए हैं. हम लोग मिट्टी के बर्तन बेचकर जीवन यापन करते है. ऐसे में उन्हे आसपास के गांवों में निवासरत कुम्हार समाज के लोगों से समान लाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिससे उन्हे गुजर बसर करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. परिवार का ये भी कहना है कि उन्हे अब किसी भी सामाजिक कार्य, शादी विवाह जैसे अन्य कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया जाता. परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या भी आ गई है. ऐसे में पूरा परिवार आर्थिक और मानसिक परेशानी से जूझ रहा है. यहां तक कि बाहर के जो ग्राहक आते हैं उन्हें भी सामान खरीदने से मना किया जाता है.
प्रशासन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
बता दें कि मौजूदा वक्त में किसी भी परिवार का सामाजिक बहिष्कार या हुक्का पानी बंद करना कानूनन अपराध है. इसके बाद भी समाज के ठेकेदार गरीबों को कुचलने का काम कर रहे हैं. वहीं कुम्हार पारा के समाज प्रमुख भी कबूल कर रहे हैं कि सामाजिक कार्यक्रम में नहीं आने को लेकर रविशंकर के परिवार का सामाजिक रूप से बहिष्कार किया गया है. बहरहाल जिला प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच के लिए पुलिस प्रशासन को पत्र भेजा गया है. जिसके बाद इस कार्रवाई की जायेगी.