फिर तूल पकड़ सकता है छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य घोटाला, पूर्व MLA बोले-राज्य सरकार जांच करवाए
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फिर तूल पकड़ सकता है छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य घोटाला, पूर्व MLA बोले-राज्य सरकार जांच करवाए

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रीतम राम ने छत्तीसगढ़ में हुए स्वास्थ्य घोटाले पर जांच करवाने की बात कही है. उनका कहना है कि अगर गड़बड़ी है तो राज्य सरकार जांच करवाएं  इस घोटाले के आरोप पूर्व की कांग्रेस सरकार पर लगे थे. 

छत्तीसगढ़ में फिर तूल पकड़ सकता है स्वास्थ्य घोटाला

Chhattisgarh Medical Scam: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य घोटाले का मामला एक बार फिर से तूल पकड़ता नजर आ रहा है. क्योंकि कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रीतम राम ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है. पूरा मामला पिछली बघेल सरकार के कार्यकाल से जुड़ा है. जहां 2023 में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन में दवाएं और उपकरण खरीदने के मामले में गड़बड़ी होने की बात कही गई थी, जिस पर पूर्व विधायक का कहना है कि इस मामले में राज्य की साय सरकार को जांच करवानी चाहिए. 

प्रीतम राय का बड़ा बयान 

दरअसल, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के चेयरमैन और कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. प्रीतम राम ने बड़ा बयान दिया है. बघेल सरकार पर लगे स्वास्थ्य घोटाले के आरोपों पर डॉ. प्रीतम राम का कहना है 'कांग्रेस के पांच साल के कार्यकाल में उन्हें आखिरी एक साल के लिए चेयरमैन बनाया गया था, ऐसे में पिछली सरकार में उनका कार्यकाल महज एक साल का रहा था. इस दौरान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन में किसी भी तरह की वित्तीय अनियमित्ताओं की जानकारी उन्हें नहीं मिली थी. लेकिन उनके कार्यकाल से पहले जो गड़बड़ियां उजागर हुई हैं, उस पर राज्य सरकार को कार्रवाई करना चाहिए.'

यह था पूरा मामला 

2018 से लेकर 2023 तक छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी. इस दौरान छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन में दवा और मेडिकल उपकरण की खरीदी में गड़बड़ियां साने होने के आरोप लगे थे. बदा में इस मामले में बीजेपी ने विधानसभा से पूरी जानकारी मांगी थी. जिस पर छत्तीसगढ़ की मौजूदा बीजेपी सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 1 जनवरी 2022 से 30 अक्टूबर 2023 तक स्वास्थ्य विभाग में हुई खरीदी चीजों की जानकारी दी. 

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गड़बड़ी बात आई थी सामने 

विधानसभा से मिली जानकारी के बाद यह स्पष्ट हुआ था कि जो दवाएं और मेडिकल उपकरण खरीदें गए थे. उनका भुगतान दामों से कही ज्यादा किया गया था, यानि सामान को महंगी दरों पर खरीदा गया था. जिसके चलते वर्तमान की बीजेपी सरकार ने दवा सप्लाई करने वाली मोक्षित कार्पोरेशन कंपनी का लगभग 300 से 400 करोड़ रुपए का भुगतान रोक दिया है. वहीं भुगतान रोकने के बाद यह जानकारी भी सामने आई है कि वर्तमान साय सरकार ने मोक्षित कार्पोरेशन को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया था. 

पूर्व विधायक के बयान से मामले ने पकड़ा तूल 

अब इस मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. प्रीतम राय के इस बयान के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं. क्योंकि एक तरह उन्होंने गड़बड़ियों की बात को नकारा नहीं हैं, दूसरी तरफ खुद के कार्यकाल में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने की बात कही है. लेकिन उनके बयान के बाद यह मामला फिर से छत्तीसगढ़ की सियासत में तूल पकड़ता नजर आ रहा है. बता दें कि प्रीतम राम भूपेश सरकार के पांच सालों के कार्यकाल में आखरी के एक साल के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के चेयरमैन रहे हैं. 

बिलासपुर से शैलेंद्र सिंह बघेल की रिपोर्ट 

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