केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "वकीलों और जजों के ऊपर भी काम का प्रेशर होना चाहिए. महीनों-महीनों तक काम नहीं लटकना चाहिए. समय पर न्याय जरूरी है. देरी से न्याय का क्या फायदा!
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सत्य प्रकाश/रायपुरः केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू आज छत्तीसगढ़ दौरे पर आए. इस दौरान उन्होंने रायपुर में आयकर अपीलीय अधिकरण के नए ऑफिस का शुभारंभ किया. नवा रायपुर के सेक्टर 24 में इस बिल्डिंग का निर्माण किया गया है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री देश की न्याय व्यवस्था को लेकर बड़ी बात कह गए. उन्होंने कहा कि देश में कोर्ट में जितने मामले निपटाए जा रहे हैं, उससे ज्यादा नए आ रहे हैं. यह चिंताजनक है.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि "मैं खुद को बहुत भाग्यवान मानता हूं कि यहां आने का मौका मिला. जब मैं कानून मंत्री बना था तो 4 करोड़ 25 लाख केस पेंडिंग थे. अब साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा केस पेंडिंग हो गए हैं. जितने मामले निपटाए जा रहे हैं, उससे दोगुने केस नए आ रहे हैं. जो बहुत चिंताजनक है. काम हो रहे हैं इसलिए केस भी बढ़ रहे हैं."
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "वकीलों और जजों के ऊपर भी काम का प्रेशर होना चाहिए. महीनों-महीनों तक काम नहीं लटकना चाहिए. समय पर न्याय जरूरी है. देरी से न्याय का क्या फायदा! आम आदमी और न्याय में दूरी नहीं होनी चाहिए. सुकमा, जगदलपुर, नारायणपुर के केस बिलासपुर हाईकोर्ट में बुलाए जाएं, ऐसा नहीं होना चाहिए. हम नई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं, ई-कोर्ट को लेकर. सुप्रीम कोर्ट से दूर कहीं बैठकर भी केस से संबंधित जुड़ सकें. ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं."
कोर्ट में अंग्रेजी में कामकाज पर ये बोले
केंद्रीय मंत्री ने कोर्ट में अंग्रेजी में कामकाज पर सवाल उठाते हुए पूछा कि "कोई अंग्रेजी नहीं जानता तो काम रुक जाएगा क्या? इस देश में कोई सोचे कि वह अंग्रेजी बोल रहा है तो वह बहुत स्मार्ट है तो यह बहुत गलत है. अंग्रेजी ठीक से जानने वाले वकीलों को ही ज्यादा केस मिलते हैं, तो ये गलत बात है. सभी भाषाओं में काम होना चाहिए. छतीसगढ़ी में भी बात हो सकती है."
किरेन रिजिजू ने कहा कि "कई कानून बिना मतलब के हैं. कम से कम कानून होने चाहिए. लोगों को अपने तरीके से जीने देना चाहिए. हमारा काम गाइड करने और सपोर्ट करने का होना चाहिए." कार्यक्रम में सांसद एसपी बघेल भी मौजूद रहे. एसपी बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि देश भावनाओं से नहीं चलेगा. देश का विकास पैसों से होगा. सरकार हमें सबकुछ दे और टैक्स ना देना पड़े, लोग ऐसा सोचते हैं.