Chhattisgarh: ये क्या बोल गए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह! कांग्रेस में आ गया भूचाल, हो रही कड़ी आलोचना
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है. अब चुनाव के सिलसिले में शुक्रवार को जगदलपुर आए केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने यहां एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसकी वजह से भूचाल आ गया है. कांग्रेस समेत कुर्मी समाज उनके बयान का आलोचना रहा है.
Chhattisgarh News/रूपेश गुप्ता: बस्तर के तीन दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को जगदलपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भारत का सपूत बताया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गोडसे भारत में पैदा हुए थे. वे गोडसे बाबर और औरंगजेब की तरह अक्रांता नहीं थे. गिरिराज सिंह के बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री के बयान की कड़ी आलोचना की है.
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील शुक्ला ने कहा कि गिरिराज सिंह ने गोडसे का महिमामंडन करके राष्ट्रपिता का अपमान किया है. गोडसे आजाद भारत का पहला आतंकवादी था. उसने राष्ट्रपिता का खून किया था. महात्मा गांधी के हत्या के दाग गोडसे के दामन पर लगे हुए हैं. गिरिराज सिंह गोडसे को भारत का सपूत बताकर भारत की जनता का अपमान किया है. कांग्रेस पार्टी भाजपा, आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करती है कि वे अपने मंत्री के बयान से कितने सहमत हैं. गिरिराज सिंह के बयान से भाजपा का गोडसेवादी चरित्र एक बार फिर से सामने आया है.
भूपेश बघेल पर भी बिगड़े बोल
दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 'खाखा' बुलाने पर भी गिरिराज सिंह के बयान पर बवाल खड़ा हो गया है. प्रदेश के कुर्मी समाज ने सिंह के बयान की निंदा की है. मनवा कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष चोवा राम वर्मा ने कहा कि कुर्मी समाज केंद्रीय मंत्री गिरी राज सिंह से नाराज हो गया है. भूपेश बघेल को गिरिराज सिंह के खाखा कहने पर आपत्ति जताई है. इस बयान की निंदा की है. गिरिराज सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काका नहीं खाखा हैं.
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और क्या बोले गिरिराज सिंह...
इधर, जगदलपुर में गिरिराज सिंह ने मोदी सरकार द्वारा 9 साल में किए गए कार्यों को गिनाया. उन्होंने बताया कि जनधन योजना के तहत छत्तीसगढ़ प्रदेश में 1 करोड़ 70 लाख बैंक खाते खोले गए. इन खातों में 6 हजार करोड़ रुपए खाता धारकों के जमा है. प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ को 1500 करोड़ रुपए आवास योजना के तहत दिए गए थे, जबकि मोदी सरकार ने 8000 करोड रुपए गरीबों के आवास के लिए आवंटित किए हैं.