कोरबा में एक मालिक ने अपने पालतू कुत्ते की मौत पर उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया. साथ ही दसगात्र पर भोज का आयोजन किया जिसमें करीब 150 लोगों का भोज करवाया गया.
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नीलम पड़वार/कोरबा: आपने कभी सोचा है कि कोई अपने पालतू कुत्ते से इतना प्यार कर सकता है कि उसके मरने के बाद उसका इंसानों जैसा विधि-विधान और क्रिया कर्म करवाए. लेकिन ऐसा हुआ है कोरबा में जहां विनी नाम के कुत्ते की मौत पर दसगात्र कर मुंडन और भोज का आयोजन किया गया. इस भोज में करीब 150 लोगों ने हिस्सा लिया. यह वाकया कोरबा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक-15 ढोढ़ीपारा बस्ती का है.
दोस्त के पास से लाए छोटे से पिल्ले को दिया अपना नाम, अपने बच्चों के साथ ही बच्चे की तरह पाला
ढोढ़ीपारा में रहने वाले कन्हैयालाल चौहान ने करीब 17 साल पहले सीएसईबी कॉलोनी निवासी अपने मित्र संतोष सिंह के पास से कुत्ते के बच्चे को घर लाया. उसे देखकर कन्हैया के पुत्र व पुत्री मेघा चहक उठे. प्यारे से डॉगी से बच्चों सहित परिजनों को खासा लगाव रहा और देखते ही देखते समय के साथ तीनों बड़े होते गए. इससे प्रेम इतना प्रगाढ़ था कि बच्चों की तरह डॉगी का नाम विनी चौहान रखा गया.
विनी की मौत से दुखी हुआ परिवार, शमशान घाट में किया अंतिम संस्कार
17 वर्ष के विनी चौहान ने पिछले दिनों दम तोड़ दिया. उसके निधन से चौहान परिवार को ठीक उसी तरह पीड़ा हुई जैसे कि परिवार के सदस्य के मौत पर होता है. विनी को सिर्फ एक कुत्ता नहीं समझा गया बल्कि उसे बेटे की तरह मानते आ रहे कन्हैया चौहान और उनकी पत्नी तथा भाई की तरह मानते रहे पुत्र एवं पुत्री मेघा इस घटना से काफी दुखी हुए. 17 सालों तक घर के सदस्य की तरह दिलों में राज करने वाले विनी का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से किया गया. उसकी शव यात्रा निकाली गई और ढोढ़ीपारा के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दफनाया गया.
विधि-विधान से हुआ दसगात्र, कराया गया भोज
विनी परिवार के एक सदस्य की तरह था. उसकी मौत के बाद परिवार में मातम छा गया. परिवार वालों ने निर्णय लिया कि विनी परिवार से जुड़ा हुआ था इसलिए मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर देना ही काफी नहीं है. घर के सदस्यों ने निर्णय लिया की जब घर के सदस्य की मौत होती है तब उसका दसगात्र कर भोज खिलाया जाता है उसी तरह विनी की मौत पर भी पूरे विधि-विधान से दसगात्र कार्यक्रम कर भोज करवाया जाएगा और उसकी आत्मा की शांति प्रदान के लिए प्रार्थना की जाएगी. परंपरानुसार 10 वें दिन दसगात्र की रस्म निभाई गई और मृत्युभोज में लोगों को आमंत्रित किया गया था. इस दौरान विनी की तस्वीर पर बकायदा माल्यार्पण कर पुष्पांजलि भी लोगों ने अर्पित की.
भाई की तरह मानती रही मेघा, नहीं मनाया रक्षाबन्धन
इस घटना से दुखी मेघा जो कि कलेक्टोरेट में डाटा एंट्री ऑपरेटर है, के द्वारा इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया गया. मेघा कि माने तो लंबे समय तक विनी को साथ रखने से उसके साथ काफी जुड़ाव हो गया था. वह उसके भाई की तरह ही था. सभी त्यौहार में उसकी भागीदारी होती थी. उसे पिछले 17 सालों से राखी बांधती थी. उसके जाने का काफी गम है इसलिए इस बार वो किसी को राखी नहीं बांधेगी.
2 साल बाद होगा अस्थि विसर्जन
मेघा ने बताया कि उनके समाज की रीतियों के अनुसार किसी की मृत्यु पर दस दिन का कार्यक्रम होता है. उसी के अनुरूप विनी का अंतिम संस्कार और अन्य कार्यक्रम हुए. विधिवत कफन-दफन के बाद घर में शोक सभा भी रखी गई थी. विनी के नाम से पूजन कराया गया और ईश्वर से उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. अब दो साल बाद उसकी अस्थियां निकाली जाएंगी, जिसके बाद उसका विधिवत विसर्जन किया जाएगा.
पशु-पक्षियों का रखे ख्याल-मेघा
मेघा ने नागरिकों से अपील की है कि अपने आसपास रहने वाले सभी पशु पक्षियों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि उन्हें हमारी बेहद जरूरत है. समय-समय पर पालतू पशु पक्षियों के प्रति मानव के ऐसे व्यवहार के किस्से सामने आते रहते है. और यह दर्शाते है. कि मानव की दुनिया काफी बड़ी है और उसके सरोकार भी काफी मायने रखते हैं.
कुत्ते से इस कदर प्रेम का जिले में अपनी तरह का यह पहला मामला
कुत्ते के प्रति इतना प्रेम विरले ही देखने को मिलता है. कोरबा जिले में अपनी तरह का यह पहला मामला है जब कुत्ते का दसगात्र और मृत्यु भोज कराया गया हो.
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