गरियाबंद में एक बच्चा लो लाइलाज बीमारी 'प्रोजेरिया' से जूझ रहा है, वह एक दिन के लिए कलेक्टर की कुर्सी पर बैठना चाहता है. जी मीडिया के सामने बच्चे ने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर करते हुए बताया कि उसका बचपन से सपना था कि वह बड़े होकर कलेक्टर बने. इस बीमारी के चलते उसका यह सपना को पूरा नहीं हो पाया
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बलराम नायक/गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक बच्चा लो लाइलाज बीमारी 'प्रोजेरिया' से जूझ रहा है, वह एक दिन के लिए कलेक्टर की कुर्सी पर बैठना चाहता है. जी मीडिया के सामने बच्चे ने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर करते हुए बताया कि उसका बचपन से सपना था कि वह बड़े होकर कलेक्टर बने. इस बीमारी के चलते उसका यह सपना को पूरा नहीं हो पाया, लेकिन वह एक बार कलेक्टर की कुर्सी पर बैठना चाहता है.
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16 साल की उम्र में हो चुका है बूढ़ा
पीड़ित बच्चे का नाम शैलेन्द्र ध्रुव है, जो छुरा विकासखंड के मेढकीढबरी गांव का निवासी है. उसकी हालत हूबहू अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘पा’ के ओरो से जैसी है. शैलेन्द्र वैसे तो मात्र 16 साल का है मगर बीमारी के कारण उसकी शारीरिक कौशिकाओं का अधिक विकास हो चुका है. जिसके चलते उसकी कौशिकायें किसी 80 साल के बुजुर्ग जैसी नजर आती हैं. शैलेन्द्र स्कूल जाता है और शिक्षक पढ़ाई को लेकर उस पर कभी कोई दबाव नहीं डालते. वह दूसरे बच्चों की तरह ना तो शरारत करता है और ना ही खेलता है. स्कूल के सब बच्चे भी उसके साथ सामान्य व्यवहार करते हैं.
शैलेन्द्र के परिजनों ने बताया कि वह बचपन से ही इस बिमारी से पीड़ित है. उसकी अंतिम इच्छा कलेक्टर बनने की है, लेकिन बिमारी की वजह से उसका शारीरिक विकास रुक गया है, जिसके कारण वह अपना सपना पूरा नहीं कर सका. अब वह एक दिन के लिए कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने की इच्छा जाहिर करता है.
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