Shankaracharya Does Not Want Hindu Rashtra: रायपुर (Chhattisgarh Raipur) पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Avimukteshwarananda) ने नए भारत की स्थापना को लेकर रामराज्य (Ram Rajya) नया प्रस्ताव दिया है. उन्होंने हिंदू राष्ट्र को लेकर भी बड़ी बात कही है.
Trending Photos
Hindu Rashtra: रायपुर। इन दिनों शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी (Shankaracharya Avimukteshwarananda) छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Chhattisgarh Raipur) में हैं. सोमवार को उन्होंने मीडिया से बात की इस दौरान कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. स्वामीजी ने नई संसद विवाद और सिंगोल से लेकर आदिवासियों के हिंदू होने न होने, भगवान राम के नाम पर राजनीति पर भी अपनी बात रखी. इतना ही नहीं उन्होंने हिंदूराष्ट्र की स्थापना के स्थान पर नया प्रस्ताव सामने रखा.
सिंगोल पर बोले शंकराचार्य
संसद में स्थापित राजदंड को लेकर शंकराचार्य ने कहा- जो पुरानी संसद थी लोकसभा अध्यक्ष की सीट के पीछे 'जहां धर्म है वहीं विजय है' लिखा हुआ था. प्रतीकों के पीछे की अर्थों की उपेक्षा की जाती है. केवल प्रतीक सामने रखकर ऊपर-ऊपर सब काम कर रहे हैं. केवल दिखावा से नहीं होता, प्रतीक के अर्थ को निभाया गया तो पीएम मोदी के द्वारा ये राजधर्म होगा और नहीं निभाया गया तो कोई मतलब नहीं होगा.
फोटो देखें: MP की ये Lotus Valley है गजब, पार्टनर के साथ जाकर भूल जाएंगे असम और कन्याकुमारी
हिंदू राष्ट्र को लेकर क्या बोले स्वामीजी
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हिंदू राष्ट्र कहने वाले लोगों को जनता के सामने एक प्रारूप रखना चाहिए. ऐसा प्रारूप किसी ने नहीं रखा. प्रारूप सामने आए तो गुण दोष पर विचार किया जा सकता है. केवल नाम सुनने से अनुमान नहीं लगाया जा सकता. देश की आजादी के समय लोगों ने चर्चा उठाई. उस समय करपात्री महाराज ने कहा था हिंदू राष्ट्र से काम नहीं चलेगा, रामराज्य की आवश्यकता है.
हिंदू राष्ट्र पर अपनी बात आगे कहते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी ने कहा कि हिंदू राष्ट्र कहने में वो बात नहीं आती जो रामराज्य कहने से आती है. हम नए राज्य की स्थापना करना चाहते है. तो क्यों न हम रामराज्य की बात करें.
Summer Tips: गर्मियों में कूलर न बने मच्छरों का घर, बीमारी से बचना है तो अपनाएं ये 10 तरीके
आदिवासी और हिंदू मामले पर भी बोले
आदिवासियों के हिंदू होने और न होने की चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि राजनीति के कारण आदिवासियों को कहा जा रहा है कि तुम हिंदू नहीं हो. हम भी जंगली थे. आदिवासी वनवासी थे. धीरे-धीरे जंगल कम हो गए. क्या वनवासी अब जंगलों में रह गए तो क्या वह वनवासी नहीं रह जाएंगे? हम भी उसी परंपरा के हैं. आदिवासी और हममें कोई अंतर नहीं. शहर में रह जाने से किसी की परंपरा समाप्त नहीं हो जाती. राजनैतिक लोग हमें बांटने का प्रयास कर रहे. आदिवासी भाइयों को उनके झांसे में नहीं आना चाहिए
भगवान के नाम पर हो रही राजनीति
धर्म और भगवान के नाम पर हो रही राजनीति पर स्वामीजी ने कहा कि जिस राजा के द्वारा भूखी जनता के दु:ख को दूर करने का प्रयास किया जाता है वहीं असली राजा है. कुछ लोग अपनी राजसत्ता को प्राप्त करने के लिए भगवान राम को साधन बना लेते हैं. जनता को जागरूक होना पड़ेगा.
OMG Snakes Video: यहां सांपों का राज है! झुंड देख सिट्टी-पिट्टी हुल गुल, गिनना भी मुश्किल