Tarkash Special: ये अंधविश्वास जानलेवा है, आखिर कब तक जकड़ा रहेगा समाज ?
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Tarkash Special: ये अंधविश्वास जानलेवा है, आखिर कब तक जकड़ा रहेगा समाज ?

Tarkash Special Report: छत्तीसगढ़ के सुकमा और बलौदाबाजार जिले से दो ऐसी खबरें आई, जिनसे एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया कि आधुनिकता के इस दौर में भी हम आखिर कब तक अंधविश्वास पर विश्वास करते रहेंगे. 

तरकश तीर खबरों के

एक तरफ विज्ञान हर रोज नई ऊंचाइयां छू रहा है, नई तकनीकी समाज के हाशिये के तबकों तक पहुंचाई जा रही है, ऐसे में महज कल्पना या अंधविश्वासों की वजह से किसी को बर्बरता से पीट-पीटकर मार डालने की घटनाएं विकास के तमाम दावों पर सवालियां निशान लगाती हैं. कुछ ऐसा ही हुआ है छत्तीसगढ़ के सुकमा और बलौदाबाजार जिले में, जहां अंधविश्वास का ऐसा  काला अंधेरा छाया है कि लोग सही और गलत का फर्क भी नहीं समझ पाए और लोगों की जान के दुश्मन बन गए. सुकमा और बलौदाबाजार में कुछ ऐसा हुआ जिससे हर कोई हैरान रह गए और इन घटनाओं ने फिर वहीं सवाल छोड़ा कि अंधविश्वास पर विश्वास कब तक ?

बलौदाबाजार में चार लोगों की हत्या 

पहला मामला छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार का है. जहां अंधविश्वास के कारण 4 लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई. बलौदाबाजार जिले के छरछेद गांव में मरने वालों में एक भाई दो बहन और 6 महीने का दुधमुंहा बच्चा भी शामिल है. आरोप है कि जादू-टोना के शक में पड़ोसी ने ही चारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया, इस दर्दनाक वारदात की खबर मिलते ही इलाके में दहशत फैल गई. हर कोई यह जानना चाहता था कि यह जघन्य हत्याकांड क्यों हुआ तो सवालों के बीच से एक ही जवाब निकलकर आ रहा था, जो था अंधविश्वास. 

सुकमा में पांच लोगों की हत्या

बलौदाबाजार का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि  दूसरी घटना सुकमा जिले से सामने आई है. यहां जादू-टोने के कारण एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई. यहां भी वहीं बात जादू-टोने के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया. इस घटना में तो हद तब हो गई जब एक बाद एक मामले में शामिल 17 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. बता दें कि एसपी किरण चव्हाण के निर्देश पर एएसपी आकाश राव समेत जांच के लिए 3 डीएसपी की टीम लगी हुई थी. जिससे यह समझा जा सकता है कि यह मामला कितना बड़ा था और अंधविश्वास के इस खेल में कितने लोग शामिल थे. 

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सुकमा और बलौदाबाजार की घटनाओं से पूरा छत्तीसगढ़ हिल गया, क्योंकि दोनों मामलों में कुल 9 लोगों की हत्या हुई है वो भी केवल अंधविश्वास के चलते, ऐसे में समझा जा सकता है कि आज भी अंधविश्वास लोगों के दिलों दिमाग में छाया हुआ है. 

कितना घातक है अंधविश्वास 

अंधविश्वास, जादू टोना. शुरू से ही लोगों की जान का दुश्मन बना हुआ है. इसके बावजूद भी आम-आदमी इसमें फंस कर बर्बाद हो रहा है. अंधविश्वास कितना घातक हो सकता है इसकी बानगी बलौदाबाजार और सुकमा की घटनाएं बताती हैं. क्योंकि यहां अपनों को ही बेरहमी से मार दिया गया. परिवार के परिवार उजाड़ दिए जा रहे हैं और इसके पीछे की वजह अंधविश्वास और जादू-टोना है... जो लोगों की जान ले रहा है. दोनों ही मामलों में भले ही गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. लेकिन सवाल यही कि आखिर इस अंधविश्वास पर कब रोक लगेगी  और कब तक लोग एक दूसरे की टोने-टोटके के कारण जान लेते रहेंगे. 

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