कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को मिलकर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया. आपको बता दें कि कमलनाथ की सरकार कुल 459 दिन ही चल सकी.
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भोपाल: मध्य प्रदेश असेंबली में फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मिलकर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया. आपको बता दें कि कमलनाथ की सरकार कुल 459 दिन ही चल सकी. उन्होंने 17 दिसंबर 2018 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर हॉर्ट ट्रेडिंग के जरिए एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमारे 22 विधायकों को प्रलोभन देकर इस्तीफा दिलाया.
#WATCH I have decided to tender my resignation to the Governor today: #MadhyaPradesh CM Kamal Nath pic.twitter.com/DlynuxzGtO
— ANI (@ANI) March 20, 2020
सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमने सत्ता में आने के बाद पहले दिन से काम शुरू किया. कांग्रेस ने भयमुक्त माहौल देने का प्रयास किया. लेकिन बीजेपी को जनहितैषी काम रास नहीं आए.वो हमेशा हमारी सरकार को गिराने की कोशिश करती रही.
बागियों पर बरसे सीएम कमलनाथ
बागी विधायकों पर बरते हुए सीएम कमलनाथ ने कहा कि धोखा देने वालों को जनता कभी भी माफ नहीं करेगी. बीजेपी ने पहले दिन से सरकार गिराने का प्रयास किया. महाराज के साथ मिलकर बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की.
मुझे विश्वास है कि जनता मेरे है- कमलनाथ
प्रदेश की जनता का विश्वास हमारे साथ है. बीजेपी का प्रमाण नहीं चाहिए, मुझे जनता का प्रमाण पत्र चाहिए. मुझे विश्वास है कि जनता मेरे है. बीजेपी सोचती है कि वो मेरे प्रदेश को हराकर जीत सकती है. लेकिन वो कभी भी मेरे प्रदेश को हरा नहीं सकती है.
आपको बता दें कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 230 में 114 सीटें मिली थीं. सपा के 2, बसपा का 1 और निर्दलीय 4 विधायकों ने कांग्रेस का समर्थन किया था. जबकि बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं.
गौरतलब है कि 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई. 22 विधायकों ने भी हाथ का साथ छोड़ दिया. इस्तीफों के दौर के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी.
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बीजेपी लगातार फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही थी. बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जल्द फ्लोर टेस्ट की मांग की थी. तीन दिन चली सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कमलनाथ को 20 मार्च शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था.
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बहुमत परीक्षण से पहले ही सपा और बसपा के विधायकों ने फ्लोर टेस्ट से दूरी बना ली थी. वहीं निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा, 'जब तक कमलनाथ जी थे मेरा उनको समर्थन था. अब जो भी नई सरकार होगी उसे मेरा समर्थन होगा.'
Pradeep Jaiswal, Independent MLA: Being an Independent MLA, now I don't have have any other option but to support the new govt which will be formed, for the development of my people. I have spoken to them (BJP). #MadhyaPradesh https://t.co/PnZkpVV5Bq
— ANI (@ANI) March 20, 2020
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