उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के निधन पर CM शिवराज का ट्वीट- एक चमकदार सितारा अस्त हो गया
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उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के निधन पर CM शिवराज का ट्वीट- एक चमकदार सितारा अस्त हो गया

शास्त्रीय संगीतकार और गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने 89 साल की उम्र में मुम्बई के बांद्रा स्थित अपने आवास में आखिरी सांस ली. भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण से नवाजा था.

मशहूर शास्त्रीय संगीतकार और गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने 89 साल की उम्र में मुम्बई के बांद्रा स्थित अपने आवास में आखिरी सांस ली.

भोपाल: मशहूर शास्त्रीय संगीतकार और गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का रविवार को निधन हो गया. उन्होंने 89 साल की उम्र में मुम्बई के बांद्रा स्थित अपने आवास में आखिरी सांस ली. भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण से नवाजा था. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के जरिए अपनी शोक संवेदना प्रकट की. उन्होंने लिखा, ''आज देश ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब के रूप में महान गायक के साथ एक अच्छे इंसान को खो दिया. उनके रूप में संगीत जगत का एक चमकदार सितारा अस्त हो गया. अपनी अनूठी आवाज के माध्यम से वे सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे. संगीत के अप्रतिम स्तंभ के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि!''

लता मंगेशकर के भी गुरु रहे उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब
आपको बता दें ​कि उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान कुछ समय के लिए स्वर कोकिला लता मंगेशकर के भी गुरु रहे. उनके निधन पर भारत रत्न लता मंगेशकर ने ट्वीट के जरिए अपनी शोक संवेदना व्यक्त की. उन्होंने लिखा, ''मुझे अभी ये दुखद खबर मिली है कि महान शास्त्रीय गायक उस्ताद उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब खान इस दुनिया में नहीं रहे. ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ है. वो गायक को अच्छे थे पर इंसान भी बहुत अच्छे थे. मेरी भांजी ने भी खान साहब से संगीत सीखा है. मैंने भी उनसे थोड़ा संगीत सीखा था. उनके जाने से संगीत की दुनिया को हानि हुई है. मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं.''

संगीत की दुनिया ने अगुआ, नई पीढ़ी ने मेन्टॉर खोया: राष्ट्रपति
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ''उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान भारतीय शास्त्रीय संगीत के लेजेंड थे. मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे 2018 में उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित करने का मौका मिला. उनके जाने से संगीत की दुनिया ने न सिर्फ अपना अगुआ खो दिया बल्कि नई पीढ़ी ने मेन्टॉर भी खोया है. उनके परिजनों, दोस्तों और शिष्यों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं.'' 

खान साहब के जाने से सांस्कृतिक दुनिया गरीब हो गई: पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ''उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब के जाने से सांस्कृतिक दुनिया गरीब हो गई है. वह संगीत के अगुआ थे. उनकी रचनात्मकता ने उन्हें कई पीढ़ियों का प्रिय बनाया था. मुझे भी उनसे बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ था. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.'' संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें रविवार शाम 7.30 बजे सांताक्रूज कब्रिस्तान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया. 

साल 1931 में उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मे थे खान साहब
साल 1931 में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में जन्मे और रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले गायक गुलाम मुस्तफा खान ने मृणाल सेन की चर्चित फिल्म 'भुवन शोम' से अपने गायकी के करियर की शुरुआत की थी. हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले गुलाम मुस्तफा खान ने 'उमराव जान', 'आगमन', 'बस्ती', 'श्रीमान आशिक' जैसी फिल्मों में भी अपनी गायकी का नायाब अंदाज पेश किया था. उन्हें संगीत के क्षेत्र में 'जूनियर तानसेन' के नाम से भी बुलाया जाता था.

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