झाबुआ जिले के थांदला तहसील में आने वाले रुंडीपाड़ा गांव में स्थित कड़कनाथ मुर्गे की यह संस्था उस वक्त चर्चा में आयी थी, जब यहां से भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टीम द्वारा संपर्क किए जाने के बाद उन्हें कड़कनाथ मुर्गे के चूजे भेजे गए थे.
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झाबुआः मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू का असर तेजी से बढ़ता जा रहा है. अब तो कड़कनाथ के गृह जिले झाबुआ में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. खास बात यह है कि जिस पोल्ट्री फार्म से पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को कड़कनाथ मुर्गे के चूचे भेजे गए थे. उस पोल्ट्री फार्म पर भी बर्ड फ्लू का खतरा मडरा रहा है. क्योंकि यहां एक साथ कई कड़कनाथ मुर्गों की मौत से हड़कंप मच गया. मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचकर जांच में जुटा है.
जांच के लिए भेजे गए सैंपल
झाबुआ जिले के थांदला तहसील में आने वाले रुंडीपाड़ा गांव में स्थित कड़कनाथ मुर्गे की यह संस्था उस वक्त चर्चा में आयी थी, जब यहां से भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टीम द्वारा संपर्क किए जाने के बाद उन्हें कड़कनाथ मुर्गे के चूजे भेजे गए थे. अब इसी संस्था के कुछ मुर्गो की मौत से हड़कंप मचा हुआ है.
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सैनिटाइजेशन का काम शुरू
मुर्गो की मौत के बाद झाबुआ जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और पोल्ट्री फार्म से एक किलोमीटर के दायरे में बर्ड डिस्पोजल करने का काम शुरू हो गया है. जबकि मरे हुए मुर्गो को दफनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है. जबकि दूसरे मुर्गो के जांच के सैंपल भी भेजे गए हैं. वही आस-पास के क्षेत्र में सैनिटाइजेशन का काम भी शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा प्रशासन ने एक आसपास के सभी पोल्ट्री फॉर्म में एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं.
कड़कनाथ मुर्गो को किया गया था क्वारंटीन
बता दे कि बर्ड फ्लू के खतरें को देखते हुए पिछले दिनों ही कड़कनाथ मुर्गो को क्वारंटीन कर दिया गया था. झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉक्टर आईएस तोमर ने उस वक्त निर्देश देकर सभी पोल्ट्री फार्म में मुर्गों को आइसोलेशन में रखा गया है. इसके अलावा कड़कनाथ मुर्गे की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए देसी नुस्खों और विटामिन्स का इस्तेमाल किया जा किया जा रहा है.
कड़कनाथ की खासियत
मुख्य तौर से मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पाया जाने वाला कड़कनाथ मुर्गा वैसे तो अब पूरे देश में मिलता है. कड़कनाथ मुर्गी के अंडे में प्रोटीन ज्यादा होता है, कम कोलेस्ट्रॉल होने के चलते इसे दिल के मरीज भी खा सकते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी मानना है कि कड़कनाथ मुर्गे का मांस सेहत के लिए उपयोगी होता है. अन्य प्रजातियों के मुर्गा-मुर्गियों के मांस में फैट और वसा ज्यादा रहता है, लेकिन कड़कनाथ मुर्गे में न तो फैट होता है और न वसा बल्कि इसके मांस में आयरन और प्रोटीन की अधिकता होती है. आयरन की अधिकता के कारण ही इस मुर्गे का रंग काला रहता है. जो ठंड के सीजन में सेहत के लिए अच्छा माना जाता है.
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