MP: बजट सत्र को लेकर कांग्रेस ने जारी किया विधायकों को व्हिप, पालन ना करने पर गिर सकती है गाज
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MP: बजट सत्र को लेकर कांग्रेस ने जारी किया विधायकों को व्हिप, पालन ना करने पर गिर सकती है गाज

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद से सियासत में हलचल जारी है. बजट सत्र को लेकर पार्टी ने अपने विधायकों की मौजूदगी को लेकर व्हिप जारी कर दिया है. संसदीय कार्य मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने ये व्हिप जारी किया है.

फाइल फोटो

भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद से सियासत में हलचल जारी है. बजट सत्र को लेकर पार्टी ने अपने विधायकों की मौजूदगी को लेकर व्हिप जारी कर दिया है. संसदीय कार्य मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने ये व्हिप जारी किया है. कहा जा रहा है कि इसका उल्लंघन करने वाले विधायकों पर पार्टी कार्रवाई कर सकती है.

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आपको बता दें कि 16 मार्च से विधानसभा बजट सत्र शुरू होने वाला है, जिसकी शुरूआत राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ होगी. बीजेपी लगातार मांग कर रही है. राज्यपाल के अभिभाषण से पहले फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए. आज इसी मांग को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव समेत कई नेताओं ने राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की है. जहां उन्होंने पत्र सौंपकर बहुमत परीक्षण की मांग की है.

बीजेपी ने की फ्लोर टेस्ट की मांग
बीजेपी ने अपने पत्र में लिखा ‘विधानसभा के 22 सदस्यों ने त्याग पत्र दे दिया है. अब ये बात साफ हो चुकी है कि सूबे में कमलनाथ के नेतृत्व में चल रही सरकार ने अपना विश्वास खो दिया है. अब उनके लिए राज्य में संवैधानिक तरीके से सरकार चलाना संभव नहीं है. ऐसे में 16 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए.

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अल्पमत में आ चुकी है कमलनाथ सरकार
राज्यपाल से मिलने के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने लालजी टंडन के सामने अपनी मांग रख दी है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ चुकी है. उसका सत्ता में रहना गलत है, इसीलिए अब बहुमत परीक्षण कराया जाना चाहिए.

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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 2 विधायकों के निधन के बाद विधानसभा में कुल सीटें 228 हैं. इनमें से कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं.  अगर स्पीकर ने ये इस्तीफे मंजूर किए तो सदन में 206 सीटें रह जाएंगी. इस स्थिति में बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का है. भाजपा  के पास कुल 107 (बहुमत से 3 ज्यादा) है. जबकि कांग्रेस के पास 99 (बहुमत से 5 कम) हैं.

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