Covid-19 देश के 22 राज्यों के 80 जिलों में लॉकडाउन है. लॉकडाउन को लेकर लोगों के मन कई तरह के सवाल हैं कि आखिर ये लॉकडाउन क्यों किया गया है.
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नई दिल्ली: कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर देश के 22 राज्यों के 80 जिलों में लॉकडाउन है. लॉकडाउन को लेकर लोगों के मन कई तरह के सवाल हैं कि आखिर ये लॉकडाउन क्यों किया गया है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि लॉकडाउन क्यों किया जाता है और इसमें किन चीजों, लोगों को राहत गी जाती है.
दरअसल, लॉकडाउन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकारें कुछ अहम दिशा-निर्देश जारी करती हैं. हालांकि Lockdown जैसा कोई शब्द सरकारी नीतियों में नहीं होता है, लेकिन इसका उद्देश्य आपात स्थिति में सरकार के आदेशों का पालन कराना होता है.
Epidemic Disease Act 1897 के तहत सरकारें किसी भी महामारी से निपटने के लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश नागरिकों को दे सकती हैं. नागरिकों को सरकार की सलाह मानने के लिए स्वत: बाध्य होना पड़ता है, क्योंकि किसी एक की लापरवाही से हज़ारों की जान ख़तरे में पड़ सकती है.
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देश 22 राज्यों के तकरीबन 80 से ज्यादा जिलों को LockDown किया गया है, इसका मतलब ये है कि इन ज़िलों में कोई भी व्यक्ति ग़ैर ज़रूरी काम के बिना घर से नहीं निकल सकता है. लॉकडाउन वाले ज़िलों में सभी दफ़्तर, कंपनी, दुकानें, मॉल, कैफ़े, सामुदायिक केन्द्र बंद रहते हैं. एक साथ कहीं भी 4 से ज़्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं, सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि वो अपने घरों में मौजूद रहें.
Lockdown वाले शहर में सभी तरह के कार्यक्रमों पर रोक होती है. सार्वजनिक स्थल पर कोई इकट्ठा नहीं हो सकता है. सरकारें जिलों में धारा 144 भी लगा देती है जिससे एक ही जगह 4 से ज्यादा लोग एकट्ठा न हों. सभी सरकारी वाहन सर्विस बंद होते हैं, बस, टेम्पो आदि का संचालन भी बंद किया जाता है. LockDown वाले शहर में सभी को पूर समय अपने घर में ही रहने की सलाह दी जाती है. ताकि माहामारी एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट न हो सके.
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किन चीजों में मिलती है छूट?
LockDown वाले शहर में कुछ आवश्यक सेवाओं की छूट रहती है ताकि नागरिकों को कोई समस्या ना हो. दैनिक उपयोग की चीजें खरीद सकें
- दूध की दुकानें खुली रहेंगी, लेकिन एक साथ भीड़ न इकट्ठी हो.
- राशन की दुकानें खुली रहेंगी, लेकिन अपील यह की जाती है कि भीड़ इकट्ठी न हो और जिसके घर में राशन मौजूद है वो बेवजह राशन की दुकान पर ना जाए. कुछ मामलों में राशन सरकार सीधे घर तक पहुंचाती है ताकि संक्रमण से बचा जा सके.
- सब्ज़ी और फ़ल की सप्लाई जारी रहती है.
- फूड प्रोसेसिंग यूनिट खुली रहती हैं.
- पेट्रोल पंप खुले रहते हैं, लेकिन कुछ स्थानों को चिन्हित कर स्थानीय प्रशासन बंद भी करा सकता है, जहां ज़्यादा भीड़ की संभावना होगी.
- दूध और डेयरी प्लांट खुले रहते हैं.
- निज़ी और सरकारी अस्पताल 24 घंटे खुले रहते हैं.
- मेडिकल स्टोर 24 घंटे खुले रह सकते हैं.
- मेडिकल और स्वास्थ्य संबंधी उपकरण व दवाइयां बनाने वाली कंपनियां खुली रहती हैं.
- संचार सेवाएं सुचारू रूप से चलते हैं.
- टेलीकॉम कंपनियां अपनी ज़रूरी सुविधाएं खुला रख सकती हैं.
- बैंक और एटीएम खुले रह सकते हैं.
- Work From Home किया जा सकता है.
- जरूरी सेवाओं के आयटम ट्रांसपोर्ट करने के लिए वाहन चल सकते हैं.
- किसी भी आवश्यक सामग्री की डिलीवरी सरकार भी नागरिक के घर कर सकती हैं.
- एंबुलेंस की सेवाएं बढ़ायी जाती है.
LockDown के दौरान कौन-कौन बाहर निकल सकते हैं?
- पुलिस
- डॉक्टर, नर्स
- सफ़ाईकर्मी
- प्रशासनिक अधिकारी
- मीडियाकर्मी
-आवश्यक सामग्री की सप्लाई करने वाले लोग
ये सभी भी पूरी सुरक्षा के साथ ही निकल सकते हैं. मास्क का इस्तेमाल ज़रूरी होता है.
लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर
अगर कोई प्रशासन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
- IPC की धारा 188 के तहत ज़िला अधिकारी कार्रवाई कर सकता है.
- अगर कोई व्यक्ति अपनी कोरोना पॉज़िटिव की जानकारी छिपाता है तो उस पर कनिका कपूर जैसी FIR भी हो सकती है, IPC की धारा 269 और 270 के तहत भी कार्रवाई हो सकती है.