16 तारीख से कानूनी पेपर तैयार कर केस लड़ने की तैयारी में व्यस्त रहने के कारण मैं आपके कॉल्स अटेंड नहीं कर पा रहा हूं, इससे आपका मन दुखा होगा. किन्तु मेरी परिस्थिति को समझते हुए आप मेरी धृष्टता के लिए मुझे क्षमा कर देंगे, मुझे पूरा विश्वास है.
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रायपुरः डीकेएस (दाऊ कल्याण सिंह) सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हुए करोड़ों के घोटाला मामले में आरोपित पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक सुनील अग्रवाल ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस मामले में खुद को निर्दोष बताया है. बता दें पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक सुनील अग्रवाल को पुलिस ने 23 मई तक रिमांड पर लिया है. जिसके बाद बीते सोमवार को न्यायाधीश सुमित कपूर की कोर्ट में सोमवार सुबह 11.30 बजे सुनील अग्रवाल की सुनवाई हुई, जिसमें न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए 23 मई तक सुनील अग्रवाल को पुलिस रिमांड पर रखने की इजाजत दी है.
सुनील अग्रवाल का फेसबुक पोस्ट
ऐसे में सुनील अग्रवाल ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा था. जिसमें उन्होंने DKS Scam के बारे में बताते हुए कहा था कि 'मित्रों, 2017 में मेरी शाखा अर्थात PNB रायपुर मैन ब्रांच से, DKS PGI नामक एक सरकारी अस्पताल को 64 करोड़ का एक लोन HO ने स्वीकृत किया था. DKS PGI की मालिक एक सरकारी सोसाइटी है जिसके पदेन सदस्य छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मन्त्री, स्वास्थ्य सेवा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, सेक्रेटरी मेडिकल एजुकेशन, DKS के अधीक्षक और कलेक्टर रायपुर हैं. इसमें बैंक ने मेडिकल इक्विपमेंट्स फाइनेंस किये थे जिनकी सप्लाई एक सरकारी संस्था छत्तीसगढ़ स्टेट मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन को करना था. इस लोन की गारण्टी राज्य सरकार ने ली मतलब एकाउंट में स्टेट गवर्नमेंट गारण्टी उपलब्ध है.
इस एकाउंट में एक ऑडिटेड बैलेंस शीट लगी है 2016-17 की. एक दूसरे केस में पुलिस को इस बैलेंस शीट के ऑडिटर ने बताया है कि बैलेंस शीट ऑडिट पर उसने साइन नहीं किये हैं. इस पर पुलिस ने मुझ पर चार्ज लगाया है कि मैंने DKS PGI को फर्जी बैलेंस शीट पर लोन दिलवाया है. खास बात यह है कि DKS की लोन रिलेटेड कमिटी में वह CA खुद बैठता था और लोन रिलेटेड डिसिशन में कमिटी को सलाह देता था.उल्लेखनीय है कि लोन का रीपेमेंट DKS लगातार कर रहा है. पुलिस ने मुझे 16.05.2019 को दिल्ली में अरेस्ट किया रायपुर लाने ट्रांजिट रिमांड लेने दिल्ली कोर्ट गई. कोर्ट ने रिमांड नहीं दी और मुझे ट्रांजिट बेल दे दी.
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आज मुझे रायपुर कोर्ट में पेश होना है जहां आगे फैसला होगा. ये तो हुई एक बात. इस संकट की जितनी भी जानकारी मेरे मित्रों स्वजनों को मिली, मेरे मित्रो और स्वजनों ने मतलब आप सब लोगों ने मेरा साथ दिया, मेरा मनोबल बढ़ाये और बनाये रखा, इसके लिए आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. 16 तारीख से कानूनी पेपर तैयार कर केस लड़ने की तैयारी में व्यस्त रहने के कारण मैं आपके कॉल्स अटेंड नहीं कर पा रहा हूं, इससे आपका मन दुखा होगा. किन्तु मेरी परिस्थिति को समझते हुए आप मेरी धृष्टता के लिए मुझे क्षमा कर देंगे, मुझे पूरा विश्वास है. विश्वास रखिये, मैं निर्दोष हूं और अंत में निर्दोष सिद्ध होकर आरोप मुक्त होऊंगा. तब तक ईश्वर से मेरे लिए प्रार्थना कीजिये और मेरा साथ देते रहिए. मैं आप सबका हृदय से आभारी हूँ और रहूंगा.'