भोपालः अब ड्राइविंग टेस्ट में अगर कोई 60 प्रतिशत से ज्यादा गलतियां करेगा तो उसे टेस्ट में फेल माना जाएगा. राजधानी भोपाल से इस नए नियम की शुरूआत होने जा रही है. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए होने वाला टेस्ट अब कंप्यूटराइज्ड होगा.


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दरअसल, राजधानी भोपाल के कोकता स्थित परिवहन विभाग की नई आरटीओ बिल्डिंग में एक नया ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाया गया है. जिस पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों का टेस्ट होगा. यह टेस्ट अब कंप्यूटराइज्ड होगा. जिसमें टेस्ट देने वाले की सभी गलतियां पकड़ी जाएगी.


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60 फीसदी से ज्यादा गलतियां होने पर होंगे फेल
ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर अगर आवेदक ने दो या चार पहिया वाहन चलाते समय ट्रैफिक के 60 फीसदी से ज्यादा नियम तोड़े तो उसे कंप्यूटराइज्ड सिस्टम फेल कर देगा. 60 प्रतिशत गलतियां पाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट में आवेदक फेल माना जाएगा और उसका डीएल नहीं बन पाएगा. हालांकि व्यक्ति फिर से टेस्ट देकर और उसमें पास होकर डीएल बनवा सकेगा.


नया बनाया गया है टेस्टिंग ट्रैक
कोकता स्थित आरटीओ कार्यालय में यह नया टेस्टिंग ट्रैक बनाया गया है. जिसकी जिम्मेदारी स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी संभाल रही है. कंपनी के इंजार्च राजेश शर्मा के मुताबिक दो और चार पहिया वाहन के लिए यह नया टेस्टिंग ट्रैक बनाया गया है. जिसको पूरी तरह से चेक कर लिया गया है. इस सिस्टम में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. इंजीनियरों ने भी इस टेस्टिंग ट्रैक की जांच कर ली है. जल्द ही इसकी रिपोर्ट परिवहन विभाग को सौंप दी जाएगी.


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इस तरह पकड़ी जाएगी गलतियां
दरअसल, टेस्टिंग ट्रैक पर जब वाहन चलाएंगे तो उसमें एक चिप लगी रहेगी. टेस्ट के दौरान अगर आवेदक कोई गलती करेगा तो उसकी गलती रिकॉर्ड हो जाएगी. खास बात यह है कि टेस्ट में आपको ट्रैफिक के सभी नियम मिलेंगे. जिसमें अगर किसी 60 प्रतिशत से ज्यादा गलतियां पकड़ी मिली तो टेस्ट में फेल हो जाएगा.


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