अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है. मामले की सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने राज्य शासन को पूर्व में जारी आदेश को यथावत रखते हुए दोनों के खिलाफ किसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं.
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रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है. मामले की सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने राज्य शासन को पूर्व में जारी आदेश को यथावत रखते हुए दोनों के खिलाफ किसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं. इन दोनों की अगली सुनवाई लॉकडाउन के बाद लगने वाली नियमित कोर्ट में होगी.
पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में हुई. आय से अधिक संपत्ति के मामले में राज्य शासन द्वारा अमन सिंह के खिलाफ जांच पड़ताल की जा रही है.
आपको बता दें कि उनकी पत्नी यास्मीन सिंह पर संविदा नियुक्ति के दौरान फर्जी तरीके से कार्यक्रम के लिए दौरा तय करना और शासन के खजाने से कार्यक्रम में खर्च बताकर भारी भरकम राशि आहरित करने का आरोप है. इसके अलावा उनकी संविदा नियुक्ति को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं.
बताया जा रहा है कि राज्य शासन को मिली शिकायत के आधार पर जांच पड़ताल कराई गई जिसमें चौंकाने वाली बातें सामने आई. वर्ष 2005 में राज्य शासन ने यास्मीन सिंह की संविदा नियुक्ति की थी. उनका वेतन प्रतिमाह 35 हजार रुपये निर्धारित किया गया था. तब तत्कालीन प्रमुख सचिव अमन सिंह का राज्य सरकार में अच्छा खासा प्रभाव था जिसके इशारे पर यास्मीन सिंह की नियुक्ति की गई थी.
बता दें कि जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि 35 हजार रुपये प्रति महीने संविदा नियुक्ति करने वाली यास्मीन सिंह का वेतन भी संविदा नियुक्ति की तर्ज पर बढ़ता गया. वह संविदा में वे 80 हजार रुपये प्रति महीने वेतन पर काम करने लगी थी. इस मामले को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी.
मिली जानकारी के मुताबिक आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने शिकंजा कसते हुए उनके बैंक अकाउंट को सीज कर दिया गया था. बीती सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने बैंक अकाउंट को रिलीज करने के निर्देश दिए थे. आज 6 मई को उनके चार मामलों की सुनवाई हुई है. दोनों ही याचिकाओं में अमन सिंह व यास्मीन सिंह को हाई कोर्ट ने राहत दे दी है. पूर्व में जारी आदेश को यथावत रखते हुए कार्यवाही पर रोक लगा दी है.
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