30 किलो के सिक्के बोरी में भरकर DM ऑफिस पहुंचा बुजुर्ग, कहा- नामांकन फॉर्म दे दीजिए
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30 किलो के सिक्के बोरी में भरकर DM ऑफिस पहुंचा बुजुर्ग, कहा- नामांकन फॉर्म दे दीजिए

पच्चीस हजार रुपए की तीस किलो चिल्लर लेना अफसरों के लिए आसान नही था, आनन-फानन में अधिकारियों ने कलेक्टर साहब को संदेश दिया.

फाइल फोटो

ग्वालियर: ग्वालियर निर्वाचन कार्यालय में नामांकन प्रक्रिया में बैठे अधिकारी कर्मचारी उस वक्त हैरान रह गए जब नामांकन फॉर्म लेने पहुंचे एक बुजुर्ग ने अफसरों के सामने टेबल पर 30 किलो वजन की बोरी उतार कर रख दी. अफसरों ने जब बुजु्र्ग से पूछा इसमें क्या है, तो उसने बताया कि इसमें सिक्के हैं इनको गिन लीजिए और नामांकन फॉर्म दे दीजिए. पहले तो अफसर सकपका गए, लेकिन भारतीय करेंसी होने के चलते चिल्लर लेना पड़ा. पहले 6 अफसरों ने मिलकर 2 घंटे तक चिल्लर गिनी और फिर बुजुर्ग को नामांकन फॉर्म दिया.

ये है ग्वालियर निवासी केशव राय चौधरी. इनके सिर पर रखा तीस किलो वजन का ये थैला चिल्लर से भरा था, जिसमें एक-दो-पांच और दस रुपए के सिक्के थे. कुल पच्चीस हजार रुपए की चिल्लर लेकर केशव राय ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुंचे. अफसरों को चिल्लर का थैला थमाकर बोले लोकसभा चुनाव लड़ना है नामांकन फार्म दीजिए. केशवराय को-ऑपरेटिव बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी है. केशव ने सालभर पहले देखा कि लोग और व्यापारी आजकल एक, दो, और दस रुपए के सिक्के लेने से कतराते है, इससे दुखी होकर उसने सिक्के जमा किए और चुनाव लड़कर सिक्कों के प्रति प्रेम जगाने का संकल्प लिया. 

केशवराय चिल्लर लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे तो नामांकन के लिए तैनात अफसर हैरान रह गए. पच्चीस हजार रुपए की तीस किलो चिल्लर लेना अफसरों के लिए आसान नही था, आनन-फानन में अधिकारियों ने कलेक्टर साहब को संदेश दिया. मामला भारतीय मुद्रा का था लिहाजा कलेक्टर ने अधिकारियों से चिल्लर गिनकर केशवराय को नामांकन देने के निर्देश दिए. फिर क्या था नामांकन के लिए मौजूद अफसर ने 6 लोगों को चिल्लर गिनने के जिम्मेदारी दी. करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद पच्चीस हजार की चिल्लर गिनकर हिसाब लिखा गया. उसके बाद अफसरों ने केशवराय को नामांकन फार्म दिया.

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