बाढ़ से बच्चों का भविष्य बर्बाद! भिंड के 76 स्कूलों में रखे Documents डूबे, कइयों की बह गईं मार्कशीट
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बाढ़ से बच्चों का भविष्य बर्बाद! भिंड के 76 स्कूलों में रखे Documents डूबे, कइयों की बह गईं मार्कशीट

इनकी भरपाई के लिए दस्तावेज सूखाने के साथ ही ऑनलाइन सर्चिंग की जा रही है. जानकारी जुटाकर शिक्षा विभाग नए रिकॉर्ड स्थापित करने में लग गया है. 

बाढ़ से बच्चों का भविष्य बर्बाद! भिंड के 76 स्कूलों में रखे Documents डूबे, कइयों की बह गईं मार्कशीट

प्रदीप शर्मा/भिंडः मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश का मंजर देखने को मिला. भिंड जिले में भी इस दौरान भयंकर बारिश से बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले. 4 अगस्त को हुई बारिश में सिंध नदी उफान पर आ गई, इससे जिले की कई स्कूलों में भी बाढ़ का पानी भर गया. अब पानी सूखने के बाद शिक्षा विभाग को जानकारी मिली कि करीब 76 स्कूलों में रखे रिकॉर्ड बर्बाद हो गए. उनका भविष्य भी खतरे में आ गया, कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज भी बर्बाद होने की जानकारी सामने आई.  

पानी उतरने के बाद सामने आई तबाही
भिंड जिले की चंबल और सिंध नदी में आई बाढ़ की तबाही का मंजर पानी सूखने के बाद देखने को मिला. इलाकों से दर्दनाक तस्वीरें सामने आईं, ग्रामीणों में सन्नाटा पसरा हुआ है. इसी सन्नाटे में छात्रों का भविष्य भी सिमच गया. जिले की कई सरकारी स्कूलों में रखे छात्रों के रिकॉर्ड पूरी तरह बर्बाद हो गए, वहीं उनके भविष्य में काम आने वाले महत्त्वपूर्ण दस्तावेज भी बर्बाद हो गए. 

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76 स्कूलों का रिकॉर्ड बर्बाद
जानकारी मिली है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बने सरकारी स्कूलों में रखे दस्तावेज या तो बह गए या पानी में धुल गए. शिक्षा विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले की करीब 76 सरकारी स्कूल बाढ़ में प्रभावित हुई. उनमें रखा सामान बाढ़ में डूबकर पूरी तरह से नष्ट हो गया. 

4 अगस्त को सिंधु नदी में आई थी बाढ़
4 अगस्त को इंदुरखी गांव की सिंधु नदी में पानी भर जाने से तबाही जैसे हालात देखने को मिले. गांव में बने मकानों की एक-एक मंजिल पूरी तरह डूब गई, यहां हजारों ग्रामीण फंसे थे. ग्रामीणों को सेना द्वारा रेस्क्यू कर बचाया गया. बताया गया है कि स्कूलों में पुस्तकों के साथ ही भर्ती रजिस्टर, मार्कशीट और रिजल्ट शीट भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए. 

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शिक्षा विभाग करवा रहा जांच
जिला शिक्षा अधिकारी हरिभबन सिंह तोमर ने बताया कि बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद शिक्षकों ने स्कूलों के कमरों को खोलकर देखा. दस्तावेज खंगाले तो उनके डूब जाने की बात सामने आई. इनकी भरपाई के लिए दस्तावेज सूखाने के साथ ही ऑनलाइन सर्चिंग की जा रही है. जानकारी जुटाकर शिक्षा विभाग नए रिकॉर्ड स्थापित करने में लग गया है. 

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