टीवी कलाकार आनंद शर्मा की पत्नी और उसकी 12 वर्षीय बेटी पिछले कुछ समय उससे अलग रह रही हैं. पति-पत्नी के बीच विवाद का मुकदमा अदालत में विचाराधीन है.
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इंदौर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्यूनतम आय सहायता योजना (न्याय) संबंधी चुनावी घोषणा पर जारी सियासी बहस के बीच एक टीवी कलाकार ने अपनी कमजोर माली हालत का दावा करते हुए यहां परिवार न्यायालय से कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वह 'न्याय' के तहत मिलने वाले पैसे से पत्नी और बेटी को गुजारा भत्ता दे सकेगा. इसलिए तब तक गुजारा भत्ता देने पर रोक लगायी जाए.
टीवी कलाकार आनंद शर्मा (38) ने यहां परिवार न्यायालय के सामने शुक्रवार को इस आशय की याचिका दायर की. शर्मा की पत्नी और उसकी 12 वर्षीय बेटी पिछले कुछ समय उससे अलग रह रही हैं. पति-पत्नी के बीच विवाद का मुकदमा अदालत में विचाराधीन है.
शर्मा के वकील मोहन पाटीदार ने शनिवार को बताया कि परिवार न्यायालय ने उनके मुवक्किल की इस याचिका पर सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की है. अदालत ने शर्मा को 12 मार्च को आदेश दिया था कि वह अपनी पत्नी और बेटी को 4,500 रुपये प्रति माह की अंतरिम भरण-पोषण राशि अदा करें.
खुद को संघर्षशील टीवी कलाकार बताने वाले शर्मा की ओर से पेश याचिका में गुहार लगाई गई है कि इस अदालती आदेश पर 'कांग्रेस की सरकार बनने तक' रोक लगाई जाए, क्योंकि फिलहाल उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह पत्नी-बेटी को इतनी रकम की नियमित अदायगी कर सकें.
शर्मा ने कहा कि केंद्र में यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो उनके बैंक खाते में 'न्याय' के तहत हर माह जमा होने वाले 6,000 रुपये में से 4,500 रुपये भरण-पोषण राशि के रूप में उनकी पत्नी और बेटी के खाते में स्वयं सरकार द्वारा भिजवा दिए जाएं.
याचिका में कहा गया है कि शर्मा टीवी धारावाहिकों में छोटे-मोटे रोल करते हैं जिससे उन्हें हर महीने 5,000 से 6,000 रुपये की आय होती है. कमाई के इस इकलौते साधन से वह अपना और अपने माता-पिता का खर्च वहन करते हैं.