इंदौर: 'ड्रग्स वाली आंटी' उर्फ प्रीति जैन के रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद इंदौर पुलिस ड्रग माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई में जुटी हुई है. बीते 5 जनवरी को पुलिस ने एक ड्रग रैकेट को पकड़ा था. इस गिरोह के पास से 70 किलो एमडीएमए ड्रग जब्त हुआ था. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस की पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं.  ड्रग को इंदौर और आसपास के इलाकों में लाने का जिम्मा मंदसौर के चिमन नाम के शख्स का था. वह हैदराबाद के वेदप्रकाश व्यास से नशा खरीदता और उसे कई अलग-अलग तरीकों से इंदौर और अन्य शहरों तक लाता. 


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इंदौर में 100 करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स खपा चुका है चिमन
वेद प्रकाश की हैदराबाद में मेडिसिन लैब है, जिसमें दवाइयां बनाई जाती हैं. पुलिस इस बात की तफ्तीश करने हैदराबाद जाएगी कि कहीं लैब में ड्रग तो तैयार नहीं हो रहा था. आरोपी वेद प्रकाश व्यास के ड्राइवर ने पूछताछ में बताया कि अब तक 100 करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स इंदौर में खफा चुके हैं. कोरोना काल में भी आरोपी नशे की खेप लेकर आते थे. कभी ट्रकों के अंदर मुर्गी दाना की कोडिंग कर ड्रग्स लाते तो कभी पीथमपुर की फार्मा कंपनियों में सप्लाई किए जाने वाले पाउडर बताकर.


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पुलिस आरोपियों के सोर्स ऑफ इनकम की पड़ताल करने में जुटी
पुलिस ने पकड़े गए ड्रग पैडलर्स और इनके रैकेट पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सभी के बैंक अकाउंट सीज कर उनके सोर्स ऑफ इनकम के माध्यम तलाशने में पुलिस जुट गई है. एसएसपी इंदौर हरिनारायण चारी मिश्रा का कहना है कि इस ड्रग रैकेट का मुख्य आरोपी चिमन 2013 से हैदराबाद में रह रहा था. हम पूछताछ कर रहे हैं कि उसने ड्रग सप्लाई का धंधा कब शुरू किया था.


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ऐसे लोगों और ठिकानों की तलाश कर रहे हैं जहां से पकड़े गए आरोपी पैसे कमाते थे और ड्रग्स के धंधे में लगाते थे. इंदौर में भी इस ड्रग रैकेट के तार कुछ लोगों से जुड़े होने के सबूत मिले हैं. पुलिस सबूतों को वेरिफाई कर रही है. बहुत सारे नाम ऐसे भी हैं जिन्हें कोड वर्ड में रखा गया है. साइबर पुलिस उन कोड वर्ड को क्रैक करने की कोशिश कर रही है.


मुख्य आरोपी के मोबाइल से हो सकते हैं कई बड़े राजफाश 
इंदौर एसएसपी का कहना है कि पकड़े गए एमडीएमए ड्रग कंसाइनमेंट को साउथ अफ्रीका भेजा जाना था. आशंका यह भी है कि इसके पहले भी यह लोग मध्य प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों सहित दूसरे देशों में ड्रग सप्लाई का काम कर चुके हैं. ऐसे में इनके सभी कॉन्टैक्ट्स को पुलिस खंगालने में जुटी है. मुख्य आरोपी के मोबाइल  की कॉल डिटेल्स और चैटिंग हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है. मोबाइल से कई महत्वपूर्ण राजफाश हो सकते हैं.


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मंदसौर का डॉक्टर तैयार करता था MDMA ड्रग का फार्मूला
वहीं मंदसौर के डॉक्टर चिमन द्वारा एमडीएमए ड्रग का फार्मूला तैयार करने पर पुलिस का कहना है कि यह कोई विशेष फार्मूला नहीं है. क्योंकि आरोपी खुद फार्मा लाइन से जुड़ा रहा है ऐसे में उसने फार्मूला पहले ही ले लिया होगा. उसके आधार पर सिंथेटिक ड्रग तैयार कर रहा था. पुलिस ने कहा कि आरोपी चिमन इतना बड़ा ड्रग कंसाइनमेंट लेकर आ रहा था, तो यह कोई पहला मौका नहीं होगा. इसके पहले भी यह इंदौर या दूसरे राज्यों में लगातार ड्रग सप्लाई करता रहा होगा. 


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