कोर्ट के फर्जी आदेश से IAS बना अधिकारी, ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
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कोर्ट के फर्जी आदेश से IAS बना अधिकारी, ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

कोर्ट का जो झूठा हलफनामा अधिकारी द्वारा लोक सेवा आयोग के समक्ष पेश किया गया था, उस पर जिला कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के हस्ताक्षर थे.

फाइल फोटो.

इंदौर/अमृत सतलानीः जिले में प्रशासनिक स्तर पर हुई धांधली का खुलासा हुआ है. दरअसल राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी ने कोर्ट का फर्जी आदेश बनाकर आईएएस के पद पर पदोन्नति ली. अब मामले के खुलासे के बाद विशेष न्यायाधीश ने एफआईआर दर्ज कराई है. जिसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है. 

क्या है मामला
दरअसल इंदौर जिला कोर्ट के एम रोड थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस एफआईआर में दर्ज कराया गया है कि एक आईएएस अधिकारी ने फर्जीवाड़ा कर कोर्ट का झूठा हलफनामा पेश कर पदोन्नति पाई है. शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है. बता दें कि जिस अधिकारी के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया गया है, वह भोपाल में पदस्थ हैं. बता दें कि तत्कालीन राज्य प्रशासनिक सेवा के इस अधिकारी के खिलाफ 2016 में इंदौर के लसुड़िया थाने में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी. 

इस शिकायत में महिला ने अधिकारी पर शादी का झांसा देकर ज्यादती करने का मामला दर्ज कराया था. चूंकि उस समय इस अधिकारी को राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत किया जा रहा था. इस पर लोक सेवा आयोग ने अधिकारी के खिलाफ दर्ज मामले और कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी मांगी थी. आरोप है कि इस अधिकारी ने लोक सेवा आयोग में कोर्ट का झूठा हलफनामा दायर कर पदोन्नति ले ली. हालांकि अब जब अधिकारी द्वारा पेश किए गए इन दस्तावेजों को जिला कोर्ट से वेरिफाई कराया गया तो ये आदेश जाली निकला. 

कोर्ट का जो झूठा हलफनामा अधिकारी द्वारा लोक सेवा आयोग के समक्ष पेश किया गया था, उस पर जिला कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के हस्ताक्षर थे. अब मामले के खुलासे के बाद विशेष न्यायाधीश विजेंद्र रावत ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज बनाने का मामला दर्ज कराया है. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है. इंदौर के आईजी हरिनारायण चारी ने बताया कि विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है.  

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