Kharmas 2024 Start: खरमास का महीना शुरू हो गया है. इस दौरन सभी प्रकार के मांगिलक कार्य वर्जित होते हैं. खरमास के दौरान सूर्य देव के रथ को घोड़े की जगह खच्चर खींचते हैं. ऐसे में इस दौरान सू्र्य देव की पूजा करना विशेष फलदायी होता है. आइए जानते हैं खरमास में कैसे करें सूर्यदेव की उपासना?
खरमास एक महीने का वह समय है जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु या फिर मीन राशि में विराजमान रहते हैं. धार्मिक मान्यतानुसार इस दौरान सूर्य देव की आराधना करने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
खरमास के दौरान सूर्य देव का मंत्र का जप करने से सभी कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं सूर्यदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए कैसे करें पूजा और किन मंत्रों का करें जाप.
खरमास में रोजाना सूर्योदय के समय उठकर स्नान करें. इसके बाद तांबे के लोटे में जल के साथ हल्दी और गुड़हल का फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.
खरमास में सूर्य देव को अर्घ्य देने के दौरान ‘ॐ घृणिः सूर्याय नमः’ मंत्र का जप करते रहें. इसके बाद एक माला बीज मन्त्र – ॐ ह्राँ ह्रीँ ह्रौं स: सूर्याय नम: का जप करें. ऐसी मान्यता है कि इससे सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
सूर्य स्मरण मंत्र
प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यंरूप, हि डलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं, ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्॥
खरमास में सूर्य देव की कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान लाल रंग के फूल, गेंहू, लाल चंदन आदि चीजें अर्पित कर सकते हैं. ऐसा करने से जातक के लाइफ में आ रही सभी बांधाएं समाप्त हो जाती हैं. साथ ही हर काम में सफलता मिलती है.
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक, 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 19 मिनट पर सूर्य धनु राशि में गोचर के साथ खरमास का महीना शुरू हो गया है.. वहीं, 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में गोचर करेंगे और इसी दिन खरमास का समापन हो जाएगा.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. zee news इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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