Amazing Facts: कभी-कभी हम कुछ चीजों को अनदेखा कर देते पर कभी हमारा दिमाग ऐसी बातें सोचता है जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती है. इन बातों को हम नजर अंदाज भी नहीं कर पाते क्योंकि इनका उत्तर पाए बिना हमारा दिमाग शांत नहीं बैठता. बल्कि और अनसुनी और सोची बातें सोजने लगता है. ऐसे ही सोशल मीडिया पर एक शख्स ने अपना दिमाग दौड़ाते हुए एक सवाल पूछा जो सबको सोचने पर मजबूर कर दिया. सवाल था कि JCB का रंग पीला ही क्यों होता है, कोई और रंग क्यों नहीं.
दरअसल, 23 अक्टूबर वर्ष 1945 में जोसफ सायरिल बम्फोर्ड ने इस कंपनी की स्थापना की थी. इसलिए इसका नाम जेसीबी पड़ा. जेसीबी का फूल फॉर्म Joseph Cyril Bamford होता है.
बताते चले कि पहले जब JCB मशीन बनाई गयी थी, तो उसका रंग लाल और सफेद हुआ करता था. लेकिन बाद में इसे पीला कर दिया गया.
वैज्ञानिक नजरिए से ये सही साबित नहीं हो रहे थे. इसलिए रंग बदलने पर चर्चा शुरू हुई. इसके बाद ही पीले रंग का चुनाव हुआ. चमकदार होने के चलते इसे हम इसे कुछ दूर से ही पहचान सकते है.
पीले रंग की होने के पीछे कई तर्क रहे हैं. जैसे- यह कॉमर्शियल कंस्ट्रक्शन का प्रतीक है. सबसे बड़ा कारण यह बताया गया कि पीला एक चमकदार रंग है. कंस्ट्रक्शन साइट पर ऐसे ही रंग का इस्तेमाल होना चाहिए, जिसे दूर से देखा जा सके
फीजिक्स के लॉ ऑफ रिफलेक्शन से यह बात सिद्ध होती है की पीला रंग दूर से ही दिखाई देता है और चमकता है. ऐसे में लोग इसे दूर से ही देखकर सतर्क हो जाएंगे, ताकि कोई हादसा ना हो सके.
बुलडोजर, दो शब्दों से मिलकर बना है, Bull-Dose. सरल भाषा में समझें तो ऐसी शक्तिशाली मशीन जो सामान ढोने से लेकर बड़े-बड़े निर्माण को ढहाने में इस्तेमाल की जा सके. बुलडोजर सिर्फ एक तरह के नहीं होते, इसके कई प्रकार हें.
जानकारी के मुताबिक, भारत में जेसीबी की केवल 5 फैक्ट्रिया और एक डिजाइन सेंटर मौजूद है. JCB मशीन की कीमत 8 लाख से शुरू होकर 50 लाख रूपए , जेसीबी के मॉडल के हिसाब से हैं.
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