Pradosh Vrat 2024: नवंबर महीने में पड़ने वाला गुरु प्रदोष व्रत साल का आखिरी गुरु प्रदोष व्रत है. शिव भक्तों के लिए यह व्रत विशेष महत्व रखता है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. आइए जानते हैं कब है गुरु प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त और महत्व.
मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाला गुरु प्रदोष व्रत इस साल नवंबर में है. मान्यता है कि यह व्रत शिव जी को समर्पित है और इसे रखने से सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है. ऐसे में आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ रुचिका अरोड़ा से जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.
हिंदू पंचांग के अनुसार नवंबर में मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत 28 नवंबर 2024 को है. ये इस साल का आखिरी गुरु प्रदोष व्रत होगा. गुरु प्रदोष व्रत धन प्राप्ति, सुख-सौभाग्य और सफलता की कामना के लिए अचूक माना गया है.
कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर 2024 को सुबह 06:23 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 29 नवंबर 2024 को सुबह 08:39 बजे समाप्त होगी. इसके अलावा शिव पूजा का समय- शाम 05.24 बजे से रात 08.06 बजे तक रहेगा.
हिंदू धर्म में गुरु प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरु प्रदोष का व्रत रखने से भक्त अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है.
इसके साथ ही इस व्रत को रखने से भक्त को सुख, शांति मिलती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिल सकती है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से संतान सुख भी मिलता है और दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ती है.
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है. मान्यतानुसार शिव की पूजा करने वालों को नौ ग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. और गुरु प्रदोष व्रत रखने वालों की कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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