पात्र किसान द्वारा स्व-प्रमाणीकरण किया जाना योजना के लिये मान्य होगा.
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विवेक पटैया/भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने फसल ऋण माफी योजना को लागू करने के वचन को पूरा कर किसानों से किये वादे को निभाया है. मंत्रिपरिषद द्वारा योजना स्वीकृत होने के बाद सोमवार को किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं. योजनांतर्गत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम से राज्य के कोष से राशि पात्र किसान के फसल ऋण खाते में जमा कराई जाएगी. योजनांतर्गत सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण लेने वाले किसानों को अधिकतम 2 लाख रुपये की सीमा तक पात्रतानुसार लाभ दिया जाएगा.
फसल ऋण माफी की पात्रता का आधार
वे सभी किसान, जो 31 मार्च, 2018 की स्थिति में नियमित ऋण खाते में ऋण प्रदाता संस्था द्वारा प्रदाय फसल ऋण की बकाया राशि के रूप में दर्ज हैं तथा जिन किसानों पर 31 मार्च, 2018 में रेग्युलर आउटस्टेंडिंग लोन था और 12 दिसंबर, 2018 तक जिन्होंने पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से लोन चुका दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा.
योजनांतर्गत भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड द्वारा परिभाषित फसल की पैदावार के लिये ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा प्रदत्त अल्पकालीन फसल ऋण एक अप्रैल, 2007 को अथवा उसके बाद जो ऋण प्रदाता संस्था से लिया गया. फसल ऋण जो 31 मार्च, 2018 की स्थिति में सहकारी बैंकों के लिये कालातीत अथवा अन्य ऋण प्रदाता बैंकों के लिये नॉन परफार्मिंग एसेट (NPA) घोषित किया गया हो. जिन किसानों ने 31 मार्च, 2018 की स्थिति में एनपीए अथवा कालातीत घोषित फसल ऋण 12 दिसम्बर, 2018 तक पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से चुका दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा.
मापदंड
मध्यप्रदेश में निवासरत किसान, जिनकी कृषि भूमि मध्यप्रदेश में स्थित हो तथा प्रदेश में स्थित ऋण प्रदाता संस्था की बैंक शाखा से अल्पकालीन फसल ऋण लिया हो अथवा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा प्रदत्त अल्पकालीन फसल ऋण लिया हो. ऐसे किसान जिनके फसल ऋण रिजर्व बैंक/नाबार्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राकृतिक आपदा होने के कारण पुनर्रस्थापना कर दिये गये हों, योजना में पात्र होंगे.
अपात्रता की श्रेणी
योजना में वे कृषक शामिल नहीं होंगे, जिन्होंने कंपनियों या अन्य कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा प्रत्याभूत ऋण, जो भले ही ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा ही वितरित किया गया हों, किसानों के समूह द्वारा लिया गया फसल ऋण, फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी अथवा फार्मर प्रोड्यूसर संस्था (FPO) द्वारा लिया गया फसल ऋण तथा सोना गिरवी रख कर ऋण प्राप्त किया हों.
बैंकों का प्राथमिकता क्रम
लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता देते हुए बैंकों का प्राथमिकता क्रम सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक होगा. योजना का लाभ लेने के लिये किसानों को फसल ऋण खातों में आधार नम्बर सीडिंग एवं अभिप्रमाणित कराया जाना आवश्यक होगा. जिन किसानों ने फसल ऋण खातों में आधार नम्बर सीडिंग नहीं है, उन्हें इस प्रयोजन हेतु एक अवसर प्रदान किया जाएगा.
योजना के लिए निरहर्ता/अपात्रता
सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगरपालिका/नगर पंचायत/नगर निगम के अध्यक्ष/महापौर, कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष, सहकारी बैकों के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गठित निगम, मण्डल अथवा बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, समस्त आयकर दाता, भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के समस्त शासकीय अधिकारी/ कर्मचारी तथा इनके निगम/मण्डल/अर्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी, (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर), रुपये 15,000/- प्रतिमाह या उससे अधिक पेंशन प्राप्तकर्ता (भूतपूर्व सैनिकों को छोड़कर), जीएसटी (GST) में दिनांक 12 दिसम्बर, 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति/फर्म/फर्म के संचालक/फर्म के भागीदार योजनान्तर्गत अपात्र होंगे.
पात्र किसान द्वारा स्व-प्रमाणीकरण किया जाना योजना के लिये मान्य होगा. निरर्हता/अपात्रता की सूची में बदलाव या सुधार करने के लिए एवं ऋणमान के युक्तियुक्तकरण के लिए राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति अधिकृत रहेगी.
एमपी ऑनलाइन तैयार करेगा पोर्टल
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एमपी ऑनलाईन (MP-online) द्वारा पोर्टल तैयार किया जाएगा. पोर्टल प्रबन्धन का कार्य सक्षम तकनीकी संस्था के सहयोग से किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किया जाएगा. जिला कलेक्टर के पर्यवेक्षण में जिले में स्थित समस्त राष्ट्रीकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), सहकारी बैंकों की फसल ऋण माफी के पोर्टल से उपरोक्त अवधि के Regular Outstanding loan तथा NPA/कालातीत लोन की आधारकार्ड सीडेड ऋण खातों की हरी सूचियाँ तथा गैर-आधारकार्ड सीडेड ऋण खातों की सफेद सूचियाँ प्राप्त कर प्रत्येक ग्राम पंचायत में तथा संबंधित बैंक शाखा में पटल पर दिनांक 15 जनवरी 2019 से प्रदर्शित करने का कार्य प्रारंभ किया जाएगा.
आवेदन की प्रक्रिया
सूची प्रकाशन के उपरान्त आधारकार्ड सीडेड (हरी सूची) के किसानों सें हरे रंग के आवेदन पत्र तथा गैर-आधारकार्ड सीडेड सूची (सफेद सूची) के किसानों से सफेद रंग के आवेदन पत्र ग्राम पंचायत में सूची चस्पा होने के बाद ग्राम पंचायत कार्यालय में ऑफ-लाईन प्राप्त किए जाएंगे. हरी अथवा सफेद सूची में दर्शित जानकारी पर आपत्ति अथवा दावा प्रस्तुत करने का अधिकार किसान के पास होगा. इसके लिए संबंधित किसान को गुलाबी आवेदन पत्र भरना होगा. किसानों द्वारा भरे गये तीनों किस्म के आवेदन पत्रों (हरे, सफेद तथा गुलाबी) की जानकारी दिनांक 26 जनवरी, 2019 को ग्रामसभा की बैठक में दी जाएगी. ऐसे किसान जो 26 जनवरी तक आवेदन पत्र नहीं भर पाये हैं, उन्हें दिनांक 05 फरवरी, 2019 तक ग्राम पंचायत में जमा कराये जाने का समय दिया जाएगा.
इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत के सचिव/ग्राम रोजगार सहायक के साथ ही जिला कलेक्टर द्वारा शासकीय कर्मचारी (वर्ग-3 से अनिम्न स्तर का) भी कर्तव्यस्थ किये जाएंगे. प्रत्येक विकासखण्ड में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जनपद पंचायत) योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे. जिन किसानों के नाम गैर-आधार कार्ड सीडेड सूची (सफेद सूची) में हैं, उन्हें संबंधित बैंक शाखा में जाकर आधार कार्ड सीडिंग भी करानी होगी. आधारकार्ड सीडिंग का कार्य दिनांक 15 जनवरी, 2019 से 05 फरवरी, 2019 तक प्रत्येक बैंक शाखा/समिति में किया जाएगा. उक्त कार्य सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिये जिला कलेक्टर ग्रामवार तथा बैंक शाखा/समिति वार कार्यक्रम नियत करेंगे. बिना आधार कार्ड सीडिंग अथवा बिना आवेदन पत्र भरे किसी किसान को योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी.
किसान द्वारा जिस ग्राम पंचायत की सीमा में कृषि भूमि हैं, उस ग्राम पंचायत में ऑफ-लाईन आवेदन पत्र जमा कराया जाएगा. नगरीय क्षेत्र में स्थित कृषि भूमि होने पर संबंधित नगरीय निकाय में आवेदन पत्र जमा कराया जाएगा. आवेदन पत्र में आधार कार्ड की छायाप्रति तथा ऋण प्रदाता संस्था राष्ट्रीयकृत बैंक अथवा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होने की स्थिति में संबंधित बैंक शाखा द्वारा प्रदत्त बैंक ऋण खाता पास बुक के मुख्य पृष्ठ की प्रतिलिपि संलग्न करना अनिवार्य होगा. सहकारी बैंक अथवा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति (PACS) से ऋण की स्थिति में बैंक ऋण खाता प्राप्त बुक की आवश्यकता नहीं होगी. यदि किसान की कृषि भूमियाँ अनेक ग्राम पंचायतों में हैं तो उसे एक ही ग्राम पंचायत में (जिसमें सामान्यत: निवास हो) समस्त कृषि भूमियों के लिए फसल ऋण की जानकारियाँ एक ही आवेदन पत्र में जमा करनी होंगी. प्रत्येक ऑफ लाईन आवेदन पत्र जमा करने की रसीद ग्राम पंचायत (नगरीय क्षेत्र की सीमा में कृषि भूमि होने पर नगरीय निकाय) द्वारा आवेदक को प्रदान की जाएगी.
समस्त ऑफ लाईन आवेदनों का कलेक्टर द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में अथवा कलेक्टर द्वारा जिले में निर्धारित केन्द्रीकृत या विकेन्द्रीकृत स्थलों पर डाटा इन्ट्री का कार्य पोर्टल पर दिनांक 26 जनवरी 2019 से किया जाएगा. नियत शासकीय कर्मचारी द्वारा ऑफ लाईन आवेदन से पोर्टल पर इन्ट्री का सत्यापन करने उपरान्त ही पोर्टल पर संबंधित ऑफ लाईन आवेदन की जानकारी अपलोड की जाएगी. जानकारी पोर्टल पर अपलोड होती ही SMS से किसान के मोबाईल पर आटोमेटेड रूप से सिस्टम द्वारा सूचना भेजी जाएगी. कलेक्टर पोर्टल के ऑन लाईन आवेदन की प्रतिलिपि भी आवेदक को उपलब्ध कराएंगे. जिन किसानों ने ऑफ लाईन आवेदन में आधार कार्ड नंबर या ऋण बैंक खाते का नम्बर नहीं दिया है, उनके आवेदन पत्र की पूर्ति हेतु पृथक से समय दिया जाएगा.
पोर्टल पर दर्ज होगा प्रोविजनल क्लेम
बैंक शाखाओं द्वारा आधार कार्ड एवं/अथवा बैंक खाता क्रमांक से ऑन-लाईन आवेदन पत्रों का सत्यापन एवं प्रमाणीकरण का कार्य पोर्टल पर किया जाएगा. जिन सत्यापित एवं प्रमाणीकृत किए गए बैंक खातों में आधार अभिप्रमाणन नहीं हुआ, उसका UIDAI (Unique Identifcation Developement Authority of India) के पोर्टल से अभिप्रमाणन कराया जाएगा. UIDAI पोर्टल से अभिप्रमाणन नहीं होने पर रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर सूचित कर संबंधित किसान द्वारा आधार कार्ड अभिप्रमाणन बैंक शाखा में किया जाएगा.
संबंधित बैंक शाखा/समिति की जिम्मेदारी होगी कि आधारकार्ड की किसान की जानकारी बैंक अभिलेखों के अनुसार ही है तथा नाम, पिता-पति का नाम, गाँव के नाम से आधारकार्ड अभिप्रमाणान कर लिया गया है. बैंक शाखा/समिति द्वारा यह परीक्षण भी किया जाएगा कि प्राप्त हरे तथा सफेद आवेदन पत्रों की जानकारी बैंक शाखा/समिति में उपलब्ध जानकारी से मैच करती है अथवा नहीं. जहाँ यह जानकारी मैच नहीं करे, वहाँ बैंक शाखा/समिति संक्षिप्त जाँच कर निराकरण करेगी.
बैंक शाखा/समिति द्वारा डाटा सत्यापन/प्रमाणीकरण उपरांत शासन की नीति अनुसार शासन से राशि का प्रावधिक दावा (Provisional Claim) पोर्टल पर प्रस्तुत किया जायेगा. पोर्टल के माध्यम से अन्य संबंधित बैंक शाखाओं/समितियों को ऐसे दावे की जानकारी प्राप्त होगी. कोई भी बैंक शाखा/समिति द्वारा 07 दिवस के अंदर पोर्टल पर उक्त प्रावधिक दावा (Provisional Claim) पर आपत्ति की जा सकेगी. नियत अवधि में आपत्ति प्राप्त ना होने पर संबंधिक बैंक शाखा/समिति का कोई भी पश्चातवर्ती दावा मान्य नहीं होगा.
जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति तथा DLCC की देखरेख में डाटा का सत्यापन तथा प्रमाणीकरण कर प्रत्येक आधारकार्ड पर लिए गए भिन्न-भिन्न ऋण प्रदायकार्ता संस्थाओं की प्रावधिक क्लेम सूची को दावे/आपत्तियों के निराकरण उपरांत नियमानुसार स्वीकृति दी जायेगी. गुलाबी आवेदन पत्रों को जिला कलेक्टर द्वारा संबंधित बैंक शाखा/समिति को प्रेषित किया जायेगा तथा संबंधित बैंक शाखा/समिति परीक्षण उपरांत निराकरण करेगी. NPA/कालातीत ऋण पर राज्य शासन द्वारा बैंकों से परामर्श कर One Time Settelment (OTS) को अंतिम रूप दिया जाएगा.
पोर्टल पर गणना उपरांत जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति एवं डीएलसीसी में भुगतान योग्य सूचियों को स्वीकृत कर जिले का मांगपत्र तैयार कर जिला कलेक्टर द्वारा संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास को निर्धारित प्रपत्र में भेजा जाएगा. कृषि विभाग द्वारा बजटीय आवंटन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास को प्रदाय किया जाएगा. जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति से अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा संबंधित लाभान्वित किसान को उसके सबंधित ऋण खाते में DBT (RTGS/NEFT/NACH) के माध्यम से राशि जमा कराई जाएगी. प्रत्येक भुगतान के समय लाभान्वित किसान को रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर पर भुगतान किए जाने का SMS किया जाएगा.
लाभान्वित किसानों को मिलेगा 'किसान सम्मान-पत्र'
भुगतान प्राप्त होने के उपरांत संबंधित बैंक शाखा/समिति द्वारा जिन किसानों का Regular Outstandingloan/NPA/कालातीत ऋण समायोजित होगा, उन्हें ''ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र'' हस्ताक्षर कर उपलब्ध कराया जाएगा. जिन किसानों द्वारा दिनांक 31 मार्च, 2018 बकाया को पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से दिनांक 12 दिसम्बर, 2018 तक पटाया गया है, उन्हें योजना में लाभ प्रदान करने के अतिरिक्त ''किसान सम्मान पत्र'' से सम्मानित किया जाएगा. ऋण मुक्ति प्रमाण-पत्रों एवं किसान सम्मान पत्रों का वितरण सार्वजनिक कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा. प्रत्येक बैंक शाखा तथा संबंधित ग्राम पंचायत में लाभ प्रदान किए जाने के उपरांत किसानों की सूची चस्पा कर प्रदर्शित की जाएगी. निर्धारित क्रियान्वयन प्रक्रिया में संशोधन अथवा प्रस्तावित तिथियों में परिवर्तन हेतु राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति अधिकृत रहेगी.
इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये प्रशिक्षण आयोजित किये जाएंगे. जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति के पास योजना के क्रियान्वयन के संबंध में किसी भी प्राप्त शिकायत पर परिपत्रानुसार एवं नियमानुकूल निर्णय कर निराकरण के समस्त अधिकार रहेंगे.