छत्तीसगढ़: परिजनों ने छोड़ दी थी अपने बच्चों की आस, पुलिस ने खोज निकाले 70 नाबालिग
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छत्तीसगढ़: परिजनों ने छोड़ दी थी अपने बच्चों की आस, पुलिस ने खोज निकाले 70 नाबालिग

नाबालिगों को दूसरे राज्य ले जाकर बेचने वाले जिले के 20 एजेंट्स के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है. जिनमें से 6 को गिरफतार कर लिया गया है.

पुलिस ने बताया कि बच्चों को तमिलनाडु, गोवा, आंध्रप्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में बंधक बनाया गया था.

चंपेश जोशी/कोंडागांव: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की कोंडागांव पुलिस ने राज्य के अलग-अलग जिले से बंधक बनाये गये 18 से कम उम्र के 70 लड़के और लडकियों को स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर खोज निकालने में सफलता हासिल की है. नाबालिगों को दूसरे राज्य ले जाकर बेचने वाले जिले के 20 एजेंट्स के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है. जिनमें से 6 को गिरफतार कर लिया गया है. वहीं बाकी एजेंट्स की तलाश जारी है.

मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि इन सभी को तमिलनाडु, गोवा, आंध्रप्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में बंधक बनाया गया था.

एसपी सुजीत कुमार ने बताया कि जिले से गुम हुए नाबालिगों की तलाश की जा रही थी, कि तभी एक के बाद एक ग्रामीण क्षेत्रों के 18 साल से कम उम्र के बच्चों के गुम होने की सूचना मिलने लगी. जिसके बाद पुलिस ने ऐसे एजेंट्स की तलाश शुरु की जो कम उम्र के बच्चों को बहला फुसलाकर पैसे का लालच देकर दूसरे राज्यों में बंधक बनाकर काम करने के लिए छोड़ आते थे. पुलिस ने बताया कि इसके एवज में एजेंट्स को मोटी रकम के साथ-साथ उनके द्वारा करने वाले काम का पैसा भी कमीशन के तौर पर मिलता था.

इस दौरान बच्चों की तलाश में पुलिस ने एक जिला संयुक्त टीम बनाकर भेजी, जिसमें उन राज्यों की पुलिस का साथ भी मिला, जहां बच्चों को ले जाकर छोड़ा गया था. पुलिस ने बताया कि पहली बार में ही 70 लड़के-लड़कियां अलग अलग जिले से मिले हैं. सभी नाबालिग जशपुर, कोंडागांव, रायगढ़, नारायणपुर, जगदलपुर और कांकेर के रहने वाले हैं.

आपको बता दें कि हर साल हजारों की संख्या में छत्तीसगढ़ से लड़के-लड़कियां गुम हो जाते हैं. कई बार परिजन बच्चों को ये मानकर नहीं खोजते कि उन्हें नक्सली साथ ले गए होंगे. मगर, पुलिस की इस कार्रवाई से सामने आया कि नक्सलियों की आड में एजेंट्स मोटी रकम के चक्कर में बच्चों को उठाकर दूसरे राज्यों में पहुंचा देते थे.

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