कोरबाः नहीं मिला वाहन तो खाट में शव लेकर तीन किलो मीटर पैदल चले ग्रामीण
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कोरबाः नहीं मिला वाहन तो खाट में शव लेकर तीन किलो मीटर पैदल चले ग्रामीण

ऐसी ही तस्वीर कोरबा जिले से भी देखने को मिल रही है. जहां शव वाहन न मिलने के कारण मृतक के परिजनों को शव को खाट पर ढोना पड़ा. 

स्वास्थ्य केंद्र के बंद होने पर खुले में ही शव लेकर बैठे रहे परिजन

नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर सरकार हर रोज विकास के दावे कर रही है तो वहीं यहां के कई इलाकों से अलग ही तस्वीर देखने मिल रही है. ऐसी ही तस्वीर कोरबा जिले से भी देखने को मिल रही है. जहां शव वाहन न मिलने के कारण मृतक के परिजनों को शव को खाट पर ढोना पड़ा. दरअसल, कोरबा के लेमरू थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम काटाद्वारी में 25 वर्षीय दिनेश राम के नाम के एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके चलते पुलिस ने पंचनामा की कार्यवाई कर पीएम कराना जरूरी बताया. ऐसे में पहले तो परिजनों ने शव वाहन के लिए फोन किया, लेकिन जब कई घंटों तक वाहन नहीं पहुंचा तो परिजनों ने शव को खाट सहित उठाकर चलना शुरू कर दिया. वहीं जब शव को लेकर परिजन लेमरू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो देखा कि अस्पताल में ताला लटका हुआ है. ऐसे में परिजनों को शव को खुले में रखकर कई घंटों तक अस्पताल के खुलने का इंतजार करना पड़ा.

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पुलिस ने परिजनों को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया जरूरी बताई
वहीं जब 3-4 घंटों बाद स्वास्थ्य केंद्र खुला तब कहीं जाकर शव का पोस्टमार्टम किया जा सका. घर के मृतक बेटे को यूं कंधे पर ढोकर ले कर जाते समय परिजनों के चेहरे पर गरीबी और बेबसी की रेखाएं साफ देखी जा सकती थीं. परिजनों के मुताबिक उनके बेटे दिनेश ने किसी बात से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया जरूरी बताई. ऐसे में पर्याप्त पैसे न होने के कारण प्राइवेट वाहन करना जरा मुश्किल था. इसलिए सरकारी शव वाहन के लिए फोन किया गया, लेकिन बहुत समय गुजर जाने पर भी जब वाहन नहीं पहुंचा. तब हमें शव को बिना वाहन शव को कंधे पर ही ढोना पड़ा.

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3 किलोमीटर तक शव को पैदल ही ढोना पड़ा
परिजनों ने बताया कि वाहन की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें 3 किलोमीटर तक शव को पैदल ही ढोना पड़ा. इस दौरान जिस ने भी परिवार को अपने ही घर के बेटे के शव को यूं ढोते देखा प्रशासन को कोसने लगा. वहीं इसकी जानकारी जब प्रशासन तक पहुंची प्रशासन ने कार्यवाई की बात कर पल्ला झाड़ लिया. बता दें यह पहली बार नहीं है जब देश में इस तरह की तस्वीर देखने को मिल रही है. इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन अधिकारी कार्यावाई की बात करने के अलावा कोई अन्य कदम उठाते हुए नहीं दिखे.

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