कांग्रेस ने कहा कि भाजपा नेताओं के बीच सबसे बड़ा रामभक्त कौन है इसको लेकर लड़ाई चल रही है. इतना ही नहीं विधायक का कहना है कि इस प्रधानता की लड़ाई में ही शिवराज सरकार भरभराकर गिर जाएगी.
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भोपाल: 'जय श्री राम' के नारे से ना केवल ममता बनर्जी नाराज हुईं, बल्कि कांग्रेस ने भी तंज कसने शुरू कर दिए. दरअसल प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने 26 जनवरी के भाषण में जय श्रीराम का नारा लगाया था. जिसके बाद कांग्रेस ने उनका घेराव शुरू कर दिया. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने उनपर निशाना साधते हुए कहा- 'मुंह में राम, दिल में नाथूराम.'
कुणाल चौधरी ने ये भी कहा कि ये सब बीजेपी में बड़ा नेता बनने की होड़ है. भाजपा नेताओं के बीच सबसे बड़ा रामभक्त कौन है इसको लेकर लड़ाई चल रही है. इतना ही नहीं विधायक का कहना है कि इस प्रधानता की लड़ाई में ही शिवराज सरकार भरभराकर गिर जाएगी.
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कांग्रेस के इस तंज पर भाजपा ने भी पलटवार किया है. भाजपा नेता चेतन सिंह ने कहा कि कांग्रेस और कांग्रेसी विचारधारा राम को स्वीकार नहीं करती है. इसलिए इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया था. चेतन सिंह ने कहा कि ये राम की भूमि है और हमें जय श्रीराम कहने में कोई झिझक नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि जो कांग्रेसी विधायक ऐसे बयान दिए हैं ये उनका मूल चरित्र है.
बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर भी श्रीराम के नारे को लेकर बवाल हुआ था. दरअसल कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंच पर भाषण देने पहुंची, तो जनता ने जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए. जिससे नाराज होकर ममता बनर्जी ने भाषण देने से ही इनकार कर दिया. ममता बनर्जी ने कहा किसी का ऐसे अपमान करना ठीक नहीं है.
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जिसके बाद हिंदूवादी प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने रविवार को कुरियर के जरिए ममता बनर्जी को रामायण की प्रति भेंट की है और उन्हें रामायण पढ़ने को भी कहा. इस बात की जानकारी खुद रामेश्वर शर्मा ने ट्विटर के जरिए दी है.
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