Korba Lok Sabha Chunav Result: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के नतीजे भी विधानसभा चुनाव की तरह ही रहे, जहां कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव हार गए. बीजेपी ने प्रदेश की 11 में से 10 सीटें जीती, जबकि कांग्रेस को केवल एक ही सीट से संतोष करना पड़ा. केवल कोरबा लोकसभा सीट पर ही कांग्रेस की लाज बच सकी. बाकि सीटों पर उसे करारी हार का सामना करना पड़ा. 


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कोरबा में जीती कांग्रेस


छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को केवल कोरबा लोकसभा सीट पर जीत मिली, यहां मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों के बीच था. बीजेपी ने पूर्व सांसद सरोज पांडे को उतारा था, जबकि कांग्रेस ने सिंटिंग सांसद ज्योत्सना महंत को फिर से मौका दिया था. जहां आखिरी तक चले मुकाबले में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत ने लगातार दूसरी बार इस सीट से जीत हासिल की है. कांग्रेस प्रत्याशी को 5 लाख 70 हजार 183 वोट मिले, जबकि बीजेपी की सरोज पांडेय को 5 लाख 26 हजार 899 वोट मिले हैं, इस तरह ज्योत्सना महंत ने 43 हजार 283 वोटों से इस सीट पर जीत हासिल की है. 


दूसरी बार जीती महंत


कांग्रेस की ज्योत्सना महंत लगातार दूसरी बार इस सीट से चुनाव जीती हैं, 2019 में भी उन्होंने यहां जीत हासिल की थी. वह छत्तीसगढ़ की वर्तमान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी हैं, ऐसे में महंत भी इस सीट पर पूरी तरह से एक्टिव थे. वहीं सरोज पांडेय पर यहां बाहरी होने का तमगा भी लगा था. क्योंकि वह भिलाई की रहने वाली हैं, लेकिन राष्ट्रीय नेता के तौर पर बीजेपी ने उन्हें यहां से चुनाव लड़ाया था. लेकिन पार्टी का दांव फेल रहा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 


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कोरबा में बीजेपी की हार का कारण स्थानीय-बनाम बाहरी का मुद्दा ही बताया जा रहा है. इसके अलावा ज्योत्सना महंत ने पिछले पांच साल के दौरान आसानी से बिना विवाद के अपना कार्यकाल पूरा किया, जबकि महंत परिवार भी पूरी तरह से चुनाव में एक्टिव रहा. वहीं बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडेय को लेकर स्थानीय नेताओं में भी नाराजगी बताई गई थी. यही वजह रही कि बीजेपी कोरबा में एक बार फिर से हार गई. 


बस्तर सीट हाथ से फिसली 


हालांकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को एक तरह से बड़ा नकुसान हुआ है. राज्य की 11 में से 10 सीटों पर उसे हार मिली है, 2019 में हाथ में आई बस्तर लोकसभा सीट भी कांग्रेस के हाथ से निकल गई. यहां सीनियर विधायक और पूर्व मंत्री कवासी लखमा भी पार्टी को जीत नहीं दिला पाए. उन्हें बीजेपी के महेश कश्यप के हाथों हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी ने 2019 में छत्तीसगढ़ में 9 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार पार्टी को एक सीट का फायदा हुआ है. 


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