कौन बनेगा विधानसभा स्पीकर? इन 7 नामों में से किसी की हो सकती है ताजपोशी
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कौन बनेगा विधानसभा स्पीकर? इन 7 नामों में से किसी की हो सकती है ताजपोशी

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार जल्द ही विधानसभा का सत्र बुला सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि सत्र के पहले नए विधानसभा अध्यक्ष का चयन हो सकता है. इस पद के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है उनमें यह सात विधायक सबसे आगे हैं. 

विधानसभा (फाइल फोटो)

भोपालः उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल कर शिवराज सरकार की सत्ता पर पकड़ और मजबूत हो गयी है. प्रदेश में बीजेपी के विधायकों की संख्या 107 से बढ़कर 126 हो गयी. बताया जा रहा है कि शिवराज सरकार जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाएगी. लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष के पद पर कौन बनेगा. इसकी चर्चा फिर सियासी गलियारों में चलने लगी है. इस पद के लिए बीजेपी में एक अनार सौ बीमार की स्थिति बनी हुई है. क्योंकि कई वरिष्ठ विधायक इस पद के लिए दौड़ में शामिल हैं. फिलहाल बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा प्रोटेम स्पीकर के तौर पर यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. 

विंध्य या महाकौशल से हो सकता है विधानसभा अध्यक्ष 
2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें विंध्य अंचल में जीती थी. जबकि महाकौशल में भी पार्टी का प्रदर्शन औसत रहा था. लेकिन मंत्रिमंडल में दोनों अंचल को ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया. मंत्री बिसाहूलाल सिंह तो विंध्य अंचल से विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर चुके हैं. जबकि महाकौशल के नेता भी इस पद के लिए लाबिंग कर रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि बीजेपी क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधने के लिए इन्ही दो अंचलों में से विधानसभा अध्यक्ष चुन सकती है. 

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राजेंद्र शुक्ल
राजेंद्र शुक्ला रीवा विधानसभा सीट से पांचवीं बार विधायक हैं, शिवराज सरकार में मंत्री रहे हैं और इस बार भी मंत्री पद के दावेदार थे. लेकिन सिंधिया समर्थकों की एंट्री से वे मंत्री नहीं बन पाए. ऐसे में अब विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा ज्यादा है. अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव में मिली बड़ी जीत का इनाम भी उन्हें यह पद देकर मिल सकता है. 

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केदार शुक्ला
सीधी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक केदार शुक्ला का नाम भी विधानसभा अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल है. उनके मंत्री बनने की चर्चा भी हैं. लेकिन वरिष्टता के आधार पर केदार शुक्ला को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है. 

नागेंद्र सिंह  
सतना जिले की नागौद विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नागेंद्र सिंह भी विधानसभा अध्यक्ष की दौड़ में  शामिल हैं. नागेंद्र सिंह इससे पहले शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 2014 में वे खजुराहो लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं. विंध्य में जातिगत समीकरण साधने के लिए उन्हें इस पद का दावेदार माना जा रहा है. 

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महाकौशल से अजय विश्नोई 
जबलपुर जिले की पाटन विधानसभा सीट से पांचवीं बार विधायक बने अजय विश्नोई का नाम भी विधानसभा अध्यक्ष की रेस में आगे चल रहा है. विश्नोई मंत्री न बनाए जाने से नाराज भी बताए जा रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार पर बयान देते हुए सीएम शिवराज को क्षेत्रीय सतुलंन बनाए रखने की बात कही थी. माना जा रहा है कि महाकौशल से ज्यादा मंत्री न होने की वजह से अजय विश्नोई को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है. 

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सीतासरन शर्मा 
होशंगाबाद से छटवीं बार विधायक चुने गए सीतासरन शर्मा का नाम भी इस रेस में शामिल हैं. वे पंद्रहवी विधानसभा में अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी होने के चलते उन्हें पार्टी एक बार फिर से इस पद पर बैठा सकती है. 

यशपाल सिंह सिसोदिया 
मंदसौर सीट से विधायक बने यशपाल सिंह सिसोदिया के नाम की चर्चा भी विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चल रही है. सिसोदिया को मंत्री बनाए जाने की बात भी सामने आई थी. लेकिन जगदीश देवड़ा और हरदीप सिंह डंग के मंत्री बनने से उनका पत्ता कट गया. लिहाजा अब जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उनके नाम की चर्चा भी इस पद के लिए चल रही है. 

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गिरीश गौतम या गौरीशंकर बिसेन 
वही रीवा जिले की देवतालाब सीट से विधायक गिरीश गौतम और बालाघाट सीट से विधायक गौरीशंकर बिसेन को भी विधानसभा अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है. गिरीश गौतम विंध्य से आते हैं तो बिसेन महाकौशल अंचल से आते हैं. लिहाजा क्षेत्रीय समीकरण और वरिष्टता के अधार पर दोनों में से किसी एक नेता को यह पद दिया जा सकता है. 

फिलहाल रामेश्वर शर्मा है प्रोटेम स्पीकर 
बीजेपी की सरकार बनने के बाद भोपाल की हुजूर सीट से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा प्रोटेम स्पीकर के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. माना जा रहा है कि शिवराज सरकार अब जल्द ही इस पद के लिए स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी. 

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