मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चौथे दिन अनिश्चितकाल के स्थगित
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मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चौथे दिन अनिश्चितकाल के स्थगित

चौथे दिन हंगामे के बीच विधि विषयक कार्य पूर्ण होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Vidhan Sabha) का शीतकालीन सत्र चौथे दिन अनिश्चितकाल के स्थगित हो गया. हंगामे के बीच विधि विषयक कार्य पूर्ण होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

चौथे दिन महिला आईएएस अफसर गौरी सिंह द्वारा वीआरएस लिए जाने के मामले में बीजेपी ने शून्यकाल में जमकर हंगामा किया. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने गर्भगृह में पहुंचकर जमकर नारेबाजी भी की. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मप्र IAS एसोसिएशन की अध्यक्ष गौरी सिंह पर दबाव बनाने का आरोप लगाया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तबादला माफिया के कहने पर आईएएस एसोसिएशन की अध्यक्ष और एसीएस स्तर के अधिकारी का तबादला कर दिया गया है. शिवराज चौहान ने आरोप लगाया कि सरकार पूरक पोषण माफिया के दबाव में काम कर रही है.

उधर, मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा असली वजह ये नहीं है, ये कदम उनके द्वारा पंचायत राज्य संस्थाओं के आरक्षण संबंधी आदेश को बिना किसी उच्च स्तरीय अनुमोदन के जारी किए जाने के चलते तबादला किया गया था. वित्त मंत्री तरुण भनोट ने शिवराज सिंह के बयान की निंदा की.

शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अतिथि विद्वानों के धरना का भी मुद्दा उठाया और चर्चा की मांग की. विपक्ष ने पूछा कि कांग्रेस ने वचन पत्र में अतिथि विद्वानों को नियमित करने का वादा किया था या नहीं. जिसका जवाब देने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी उठे और कहा कि वचन पत्र में जो वादे किए गए हैं, वो हर हाल में पूरे किए जाएंगे. अतिथि विद्वानों के लिए कार्य योजना बनाई जा चुकी है. किसी भी अतिथि विद्वान को निकाला नहीं जाएगा.

शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने संबल योजना का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि संबल योजना के तहत गरीबों को राहत देने की व्यवस्था शुरू की थी लेकिन वो बंद कर दी गई. सरकार बैकलॉग का पैसा दे.

विधायक रामकिशोर कावरे ने प्रश्नकाल में सौभाग्य योजना में गड़बड़ी का मामला भी उठाया. जिस पर मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि सौभाग्य योजना प्रदेश की पूर्व सरकार का दुर्भाग्य है. इस योजना में कई जिलों से गड़बड़ी की शिकायतें मिल रहीं हैं. साथ ही प्रियव्रत सिंह ने कहा कि मामले की पावर मैनेजमेंट कंपनी की टीम से जांच कराई जाएगी.

उधर, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी कहा कि मामले में कई दिनों से शिकायतें आ रही हैं इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

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