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भोपाल: मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ कोरोना संकट बढ़ रहा है. वहीं सरकार ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं का वैज्ञानिक तरीके से भंडारण करने में देश का अग्रणी राज्य बन गया है. 11 लाख मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण 25 साइलो बैग और स्टील साइलो में किया जा रहा है.
साइल बैग और स्टील साइलो से सुरक्षित भंडारण
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि साइल बैग और स्टील साइलो खाद्यान्न भंडारण की आधुनिकतम तकनीकी है. इस तकनीक में गेहूं बिना कीटनाशक के उपयोग के भी लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है.
9 स्थानों पर स्टील साइलो केंद्र
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन द्वारा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ 9 स्थानों भोपाल, सीहोर, विदिशा, होशंगाबाद, नागौद, सतना, हरदा, उज्जैन और देवास में 50- 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता वाले स्टील साइलो केंद्र स्थापित किए गए हैं. इनकी कुल भंडारण क्षमता साढ़े चार लाख मीट्रिक टन है.
इसी प्रकार 16 स्थानों नागदा, सलमानीया, बड़ौदा, पिछोर, बैरसिया, श्यामपुर गमाखर, गोहरगंज, शुक्रवारा, बरपटी, हटा, बरछा, मझौली, सारंगपुर, तथा वेदगबा में साइलो बैग भंडारण केन्द्रों की कुल भंडारण क्षमता 6 लाख 30 हजार मीट्रिक टन है.
सोशल डिस्टेंसिंग की आदर्श व्यवस्था है साइलो बैग
प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था को बनाए रखने में साइलो बैग पद्धति, भंडारण की आदर्श व्यवस्था सिद्ध हो रही है. इस व्यवस्था में भंडारण का काम न्यूनतम मानव श्रम से संभव हो सका है.
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इस प्रणाली में किसान जब एक ट्रैक्टर ट्रॉली या एक ट्रक में खाद्यान्न लेकर अकेला केन्द्र पर पहुंचता है, तो धर्म-कांटे पर तौल करने के बाद हाइड्रोलिक सिस्टम के द्वारा एक ही बार में उसका पूरा गेहूं भंडारण के लिए खाली करा लिया जाता है. इस तरह किसान अधिकतम 15 से 20 मिनट के अंदर अपना गेहूं बेच कर फ्री हो जाते हैं.
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