बताया जा रहा है कि सहकारिता विभाग ने सभी सहकारी बैंकों को प्रपत्र भेजा है और किसानों के ऊपर मौजूदा कर्ज और कालातीत कर्ज की जानकारी मांगी है.
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नई दिल्ली/भोपाल (विवेक पटैया): मध्य प्रदेश के चुनावी परिणामों में जीत हासिल करने के बाद अब कांग्रेस राज्य की जनता खासकर किसानों से किए गए वादों को पूरा करने में जुट गई है. इसकी तैयारी शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही कर ली गई हैं. दरअसल, कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किसानों की 10 दिन में कर्जमाफी की घोषणा की थी, जिसे पूरा करने को लेकर मंत्रालय में तैयारियां तेज हो गई हैं.
बताया जा रहा है कि सहकारिता विभाग ने सभी सहकारी बैंकों को प्रपत्र भेजा है और किसानों के ऊपर मौजूदा कर्ज और कालातीत कर्ज की जानकारी मांगी है.
सूत्रों के मुताबिक, जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों को फायदा होगा. कर्जमाफी से सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय भार आने का अनुमान है. कर्जमाफी से प्रदेश के 33 लाख किसानों को फायदा हो सकता है.
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सूत्रों की मानें तो, प्रदेश के किसानों के ऊपर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक, निजी बैंक का 70 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है. इसमें से 56 हजार करोड़ का कर्ज 41 लाख किसानों ने लिया है. वहीं, लगभग 15 हजार करोड़ का कर्ज डूबता कर्ज (एनपीए) है.
सूत्रों के मुताबिक, सिर्फ सहकारी बैंको के कर्ज को ही माफ किया जाएगा. कर्ज माफी कुल 2 लाख रुपये तक होगी. हालांकि पूरा फैसला नई सरकार को लेना है.