संविधान की रोशनी में देखें तो हर व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार है और उसे सुनिश्चित करना सरकार का काम होता है, ठीक उसी तरह पानी का अधिकार देना सरकार का काम होता है. मध्य प्रदेश सरकार ने यह शुरूआत की है. इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने 'पानी का अधिकार' कानून बनाने की घोषणा कर प्रदेशवासियों को पानी की समस्या से मुक्त कराने की दिशा में कदम बढ़ाने के साथ उन्हें उनके अधिकार का अहसास भी करा दिया है. जल-पुरुष के नाम से प्रसिद्ध राजेंद्र सिंह ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस अधिकार के लागू होने पर मध्य प्रदेश के अन्य राज्यों के लिए नजीर बनने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. राज्य सरकार ने शहरी और ग्रामीण इलाके के हर परिवार व व्यक्ति को नल के जरिए घर-घर पानी देने की योजना बनाई है. साथ ही प्रदेश के हर नागरिक को तय मात्रा में पानी सुनिश्चित करने के लिए 'पानी का अधिकार' अधिनियम बनाने जा रही है.
ग्रामीण इलाकों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और शहरी क्षेत्र में नगरीय प्रशासन विभाग पर आमजन को पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होगी. राजेंद्र सिंह ने फोन पर आईएएनएस से कहा, "कमलनाथ सरकार ने आम आदमी की मूलभूत आवश्यकता को ध्यान में रखकर पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए सार्थक कदम उठाया है. संविधान की रोशनी में देखें तो हर व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार है और उसे सुनिश्चित करना सरकार का काम होता है, ठीक उसी तरह पानी का अधिकार देना सरकार का काम होता है. मध्य प्रदेश सरकार ने यह शुरूआत की है. इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए."
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उन्होंने आगे कहा, "कमलनाथ सरकार ने जहां राज्य के लोगों को उनके अधिकार का अहसास कराया है, वहीं देश के अन्य हिस्सों के लोगों में भी इस अधिकार के प्रति आस जागेगी. लिहाजा सभी राज्य सरकारों को इस अधिनियम को अपने-अपने हिस्से में लागू करना चाहिए. साथ ही कमलनाथ सरकार को जल संरचनाओं की भूमि का चिन्हीकरण, प्रमाणीकरण किए जाने के साथ नोटिकिकेशन जारी किया जाए. साथ ही जो संरचनाएं क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें दुरुस्त किया जाए."
(इनपुटः आईएएनएस)