आमला ब्लॉक के 10 किमी दूर स्थित छावल गांव में मां के इस धाम को छावल के नाम से जाना जाता है. स्थानीय मान्यता के अनुसार मां रेणुका की प्रतिमा सुबह से लेकर शाम होने तक तीन रूप में नजर आती हैं.
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बैतूलः मध्य प्रदेश के बैतूल शहर में आदि शक्ति मां भगवती का ऐसा एक अनोखा मन्दिर स्थित है, जहां मां भगवती दिन में तीन बार रूप बदलती हैं. जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर छावल गांव में स्थित मां रेणुका का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. मंदिर का इतिहास करीब 450 साल पुराना है. छोटी सी पहाड़ी पर बने इस मन्दिर में मां रेणुका की अनोखी प्रतिमा है. मान्यता है कि यहां स्थित मन्दिर में एक दिन में देवी तीन रूप बदलती हैं. आमला ब्लॉक के 10 किमी दूर स्थित छावल गांव में मां के इस धाम को छावल के नाम से जाना जाता है. स्थानीय मान्यता के अनुसार मां रेणुका की प्रतिमा सुबह से लेकर शाम होने तक तीन रूप में नजर आती हैं.
मां रेणुका सुबह नन्हीं बालिका के स्वरूप तो, दोपहर में मां के चेहरे का तेज बढ़ जाता है. शाम को मां रेणुका ममतामयी सौम्य करुणा के रूप में नजर आने लगती हैं. कथाओं के अनुसार पहाड़ी पर बना यह मन्दिर लगभग 450 साल पुराना है. मां रेणुका की जो प्रतिमा मन्दिर में स्थापित है, वह यहीं से प्रकट हुई थी. मन्दिर के प्रारंभ से लेकर अब तक गोस्वामी परिवार ही यहां पूजा करता चला आ रहा है. गोस्वामी परिवार की ये पांचवी पीढ़ी है, जो मन्दिर के देख-रेख का भी काम करती है.
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स्थानीय लोग बताते हैं कि इस मंदिर में 60 साल से अखंड ज्योति प्रज्वलित है. ग्रामीण सहित बाहर से आने वाले श्रद्धालु मां रेणुका की कृपा के गवाह हैं. नवरात्र में दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दरबार के पास अखंड ज्योति प्रज्वलित करने आते हैं. मान्यता है कि माता के दरबार में जो भी विवाहित स्त्री संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगती है, उसकी मन्नत माता रानी जरूर पूरी करती हैं. मां के दरबार में वर्षों से जल रही अखंड ज्योति का तेल शरीर पर लगाने से कैंसर तक ठीक हो जाता है.