अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों में कैलाश विजयवर्गीय, प्रभात झा, राज्य के मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, सांसद अनूप मिश्रा, प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा सहित कई नाम हैं.
Trending Photos
भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की हलचल शुरू हो गई है. इस साल के अंत में यहां चुनाव होने हैं और चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बीच खबर आई है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने अपना पद छोड़ने की बात कही है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पद छोड़ने की इच्छा जताई है. चौहान के इस फैसले के बाद नए अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई है.
नंदकुमार सिंह चौहान 'नंदू भैया' ने मीडिया को बताया कि वह पिछले चार सालों ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की सेवा कर रहे हैं. यह एक बड़ा दायित्व है और इस दायित्व के कारण वह अपने क्षेत्र में नहीं जा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में पिछले चार सालों से कुछ भी काम नहीं किया है. यहां तक कि वह अपने क्षेत्र में गए तक नहीं हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अब वे अपने इलाके के लिए काम करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर दायित्व मुक्त होने की इच्छा जताई है.
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इन बातों की पुष्टि करते हुए कहा कि नंदू भैया ने उनसे बात करके अपने संसदीय क्षेत्र में काम करने की इच्छा जताई थी. इस पर उन्होंने उन्हें काम करते रहने की बात कही.
I served as a MP BJP party chief for the past 4 years and now I want to work for my constituency. I could not visit my constituency for the past 4 years. I spoke to CM and urged him to relieve me from the party post: Nandkumar Singh Chauhan, BJP #Bhopal pic.twitter.com/nuvxdGcoc4
— ANI (@ANI) 17 अप्रैल 2018
उप चुनावों में हार के बाद चली थी बदलाव की चर्चा
बता दें कि छह माह बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पिछले कई दिनों से संगठन में फेरबदल की चर्चाएं जोर पकड़ रही थीं, इनमें अध्यक्ष को बदलने की चर्चा का बाजार गर्म था. पिछले विधानसभा उपचुनावों में बीजेपी को मिली हार के बाद पार्टी अध्यक्ष को बदलने की चर्चा चल रही थी. हालांकि अब प्रदेश अध्यक्ष ने खुद ही पद से हटने की इच्छा जताई है तो अध्यक्ष बदलने की अटकलों पर विराम लग गया है. अब पार्टी के सामने हालांकि सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिस भी व्यक्ति को कमान सौंपी जाए, वह निर्विवाद हो, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साथ दे और किसी गुट विशेष से उसका नाता न हो.
पिछले दिनों हुए चार विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में मिली करारी हार और पार्टी में उभरी गुटबाजी को वर्तमान अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान काबू नहीं कर पा रहे थें, और यही कारण थे कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी बदलाव का मन बना चुकी थी.
कठुआ गैंगरेप पर दिया था विवादित बयान
नंदकुमार सिंह चौहान ने कठुआ में बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्या के मामले में विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था, 'जम्मू-कश्मीर का कोई हिंदू किसी अबोध लड़की से रेप के बाद वहां भगवान राम का नाम नहीं लेगा. अगर ऐसा हुआ है, तो ये समाज में भेद डालने के लिए किया गया है. इस घटना के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी और घुसपैठियों की साजिश हो सकती है.'
अध्यक्ष पद की दौड़ में कई नाम
राज्य में बीजेपी के पास अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों की सूची में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, उपाध्यक्ष प्रभात झा, राज्य के मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, सांसद अनूप मिश्रा, प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा सहित कई और नाम भी हैं. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ऐसा नेता तलाश कर रही है जो सबको साथ लेकर चल सके और वह मुख्यमंत्री की पसंद भी हो. पार्टी की कोशिश है कि जिसने जमीनी स्तर पर काम किया हो, संगठन का नेतृत्व करने की क्षमता हो और उस पर किसी तरह के गंभीर आरोप न हों.
सूत्रों पर गौर करें तो विजयवर्गीय व झा की शिवराज से पटरी नहीं बैठती. वहीं बीच-बीच में अनूप मिश्रा के बगावती स्वर भी शिवराज से उनकी दूरी जता चुके हैं. इसके अलावा नरोत्तम मिश्रा की मुख्यमंत्री से करीबी है, मगर पेड न्यूज के मामले में चुनाव आयोग उन्हें छह साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहरा चुका है.
भूपेंद्र सिंह और वीडी शर्मा में मुकाबला
बीजेपी के जानकार कहते हैं कि शिवराज की मुख्य तौर पर दो पसंद हैं- एक भूपेंद्र सिंह और दूसरे वी.डी. शर्मा. भूपेंद्र सिंह ने 'सिंहस्थ कुंभ' का बखूबी संचालन किया था, तो शर्मा ने 'नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा' की कमान संभाली थी. शर्मा संघ और अमित शाह की भी पसंद हैं. वे वर्षो तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी रहे हैं. इस वक्त युवाओं से सबसे ज्यादा संपर्क और संवाद उनका है. वहीं भूपेंद्र सिंह सहज और सरल नेताओं में गिने जाते हैं.
बीजेपी के भरोसेमंद सूत्रों का दावा है कि भूपेंद्र सिंह और शर्मा में से कोई एक अध्यक्ष होगा, नहीं तो पार्टी एक बार फिर नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश राजनीति में भेज सकती है. इसकी वजह तोमर का राज्य के हर वर्ग, क्षेत्र से संपर्क है. इतना ही नहीं उनकी शिवराज से अब भी पटरी मेल खाती है.