सरकार अगर राज्य के करीब 3 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के अंशदान को 10 से बढ़ाकर 14 फीसदी करती है तो सरकारी खजाने पर 72 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा. इसमें राज्य सरकार के अधिकारी और कर्मचारी शामिल नहीं हैं.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के अंशदायी पेंशन स्कीम यानी सीपीएफ में अपना हिस्सा 10 से बढ़ाकर 14% कर दिया है, जबकि राज्य के अफसरों और कर्मचारियों का 10 फीसदी ही रखा है. यह अंतर इसी माह में सामने आया है. इससे पहले अखिल भारतीय सेवा और राज्य के अफसरों का कर्मचारियों का अंश पिछले 15 साल से बराबर था.
सरकार अगर राज्य के करीब 3 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के अंशदान को 10 से बढ़ाकर 14 फीसदी करती है तो सरकारी खजाने पर 72 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा. जबकि जबकि आईएएस, आईपीएस और आईएफएस कर्मचारियों के अंशदान 4 प्रतिशत बढ़ाने पर सरकार को लगभग दो करोड़ रुपए का भार ही आ रहा है. हालांकि वित्त विभाग का कहना है कि फिलहाल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, स्थिति ठीक होने के बाद ये लाभ दिया जाएगा.
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क्यों किया गया है ऐसा?
आपको बता दें कि केंद्र ने 2004 और राज्य सरकार ने 2005 के बाद सेवा में आने वाले कर्मियों की पेंशन बंद कर दी है. इसकी जगह अंशदायी पेंशन योजना शुरू की है. इसमें कर्मचारी का 10 फीसदी और सरकार अपनी ओर से 10 फीसदी राशि मिलाकर सीपीएफ में जमा करती है. इस जमा राशि पर ही रिटायरमेंट के बाद उस समय की स्थिति के अनुसार कर्मचारियों को पैसा मिलता था. अब इसे बढ़ाकर राज्य सरकार ने भी 14 फीसदी कर दिया है.
किनको होगा फायदा?
इससे पहले प्रदेश और केंद्र के कर्मचारियों की 2005 से लेकर 2020 तक सीपीएफ स्कीम 10-10 फीसदी थी. जबकि 2020 में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सीपीएफ में राशि 10 से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने कार्यरत अखिल भारतीय सेवा के अफसरों की भी सीपीएफ बढ़ाकर केंद्र के बराबर कर दिया है.
राज्य के कर्मचारियों-अफसरों को लाभ नहीं
हालांकि राज्य के अफसरों और कर्मचारियों का सीपीएफ नहीं बढ़ाया गया है. इस बारे में वित्त विभाग का कहना है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, स्थिति ठीक होने के बाद यह लाभ दिया जाएगा.
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कितना फायदा होगा अफसरों को?
राज्य में अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को सीपीएफ में 4% का लाभ इसी माह से मिलना शुरू हो चुका है.
क्या फायदा मिलेगा
इसे आसान भाषा में समझते हैं. मान लीजिए कि अगर किसी अफसर का वेतन एक लाख रुपये है. तो उसके सीपीएफ खाते में सालभर में पहले 12,000 रु. जमा होते थे, अब 4800 रु. ज्यादा यानी 16800 रुपए जमा होंगे. इसके अलावा ज्यादा वेतन होने पर अंश की राशि बढ़ती जाएगी. राज्य के अफसरों में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत अन्य सेवा के अफसरों का वेतन समान होने पर भी सीपीएफ 12000 रुपए ही जमा होंगे.
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