अखिलेश यादव का मध्य प्रदेश में इस बार एक खास वर्ग पर फोकस है. अखिलेश यादव ने कहा कि वह इस बार एमपी में मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि वह ग्वालियर में आयोजित कृष्ण जन्माष्टमी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.
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ग्वालियर। समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है. आज ग्वालियर पहुंचे अखिलेश यादव ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और मध्य प्रदेश की राजनीति को लेकर कई बड़े बयान दिये. इसके अलावा एमपी में अखिलेश यादव का एक खास वर्ग पर फोकस हैं, क्योंकि अखिलेश यादव ने इस वर्ग को लेकर आज एक बड़ा बयान दिया, बता दें कि इस खास वर्ग के जरिए अखिलेश यादव प्रदेश में अपनी सियासी जमीन मजबूत करना चाहते हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार मध्य प्रदेश में मजबूती से चुनाव लड़ेंगे.
यादव समाज को साधने की कोशिश
दरअसल, आज ग्वालियर में जब अखिलेश यादव से मध्य प्रदेश में यादव समाज को अपॉर्चुनिटी देने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''मध्य प्रदेश में यादव समाज की आबादी बहुत हैं, ऐसे में अब यादव समाज को यह सोचना चाहिए कि किधर चलना चाहिए.'' यानि अखिलेश मध्य प्रदेश में यादव समाज को रिझाने की तैयारी में हैं. क्योंकि मध्य प्रदेश की सियासत में यादव समाज की बड़ी भागीदारी होती है और प्रदेश के मुख्य दल बीजेपी और और कांग्रेस में यादव समाज से दिग्गज नेता आते हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में यादव समाज समाजवादी पार्टी का कोर वोटर माना जाता है. लेकिन एमपी में यह वर्ग बीजेपी और कांग्रेस के पक्ष में ही खड़ा नजर आता है. ऐसे में अखिलेश यादव मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने की तैयारियों में जुट गए हैं. आज उन्होंने ग्वालियर में यादव समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया, इस दौरान मंच पर उनके साथ बीजेपी सांसद केपी यादव भी नजर आए.
मध्य प्रदेश में यादव समाज सियासत में दमदार
मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग बहुल राज्य हैं, जिसमें यादव समाज की भागीदारी बड़ी हैं. यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस की नजर इस वर्ग पर रहती है. दोनों ही पार्टियां विधानसभा चुनाव में यादव समाज से आने वाले प्रत्याशियों को जमकर मौका देती हैं. जबकि मंत्रिमंडल में भी इस वर्ग का अच्छा प्रतिनिधित्व रहता है. वर्तमान शिवराज सरकार में मोहन यादव और बृजेंद्र सिंह यादव मंत्री है. जबकि पूर्व की कमलनाथ सरकार में भी सचिन यादव, लाखन सिंह यादव और हर्ष यादव मंत्री थे. जबकि कांग्रेस नेता अरुण यादव की गिनती प्रदेश के शीर्ष नेताओं में होती है. यानि दोनों पार्टियां यादव समाज को प्रतिनिधित्व देती है, जिससे प्रदेश में उनकी सियासी ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है. यही वजह है कि अखिलेश यादव की नजर इस खास वर्ग पर हैं.
छोटे दलों से गठबंधन कर सकती है समाजवादी पार्टी
बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इस बार छोटे दलों के साथ गठबंधन करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. जब अखिलेश यादव से यूपी में आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''उत्तर प्रदेश बड़ा प्रदेश है बहुत दल हैं कौन किसके साथ जाएगा, अभी मैं यह नहीं कह सकता. लेकिन समाजवादी पार्टी ने कई गठबंधन किए हैं, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और क्षेत्रीय दलों से भी गठबंधन किया हैं और छोटे दलों को भी आगे बढ़ाया है. समाजवादी पार्टी के पास बहुत अनुभव है, आने वाले समय में फैसला लेंगे कि किस तरह से आगे बढ़ेंगे और इस बार मजबूती से चुनाव लड़ेंगे.''
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