Atrocities On Women: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लाड़ली लक्ष्मी योजना चलाकर बेटियों के बेहतर भविष्य और लाडली बहना योजना चलाकर बहनों को हर माह 1,000 रुपये देकर बहनों की बेहतरी का दावा करने वाली सरकार के नाक के नीचे बेटियों और बहनों के साथ कैसा सलूक हो रहा है.
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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लाड़ली लक्ष्मी योजना चलाकर बेटियों के बेहतर भविष्य और लाडली बहना योजना चलाकर बहनों को हर माह 1,000 रुपये देकर बहनों की बेहतरी का दावा करने वाली सरकार के नाक के नीचे बेटियों और बहनों के साथ कैसा सलूक हो रहा है. राजधानी भोपाल के एक शेल्टर होम में एक दर्जन मासूम बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई लेकिन अज्ञात सिस्टम कुछ भी बोलने से डर रहा है
दूसरी ओर आगर मालवा में अपराधी आतंक मचाए हुए हैं. खुलेआम असामाजिक तत्व और अपराधी महिलाओं पर थूक रहे हैं. महिलाओं ने पुलिस थाने में शिकायत की, लेकिन अब तक पुलिस एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई. एमपी पिछले कुछ दिनों में हुए महिला अपराध के आंकड़े डराने वाले हैं. घर, स्कूल, जंगल, होटल कहीं भी आदिवासी महिलायें, मासूम बेटियां महफूज नहीं है. मामा के राज में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाये बढ़ी हैं.
दिनदहाड़े गैंगरेप
एमपी में अपराधी दिनदहाड़े गैंगरेप और हत्या की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. रीवा में आधा दर्जन से ज्यादा अपराधियों ने दो बहनों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम देते हुए वीडियो बनाया और वायरल कर दिया. दुराचार की शिकार बच्चियों ने डर के चलते शिकायत की जहमत नहीं उठाई. कुछ दिनों पहले राजधानी भोपाल के छोला थाना क्षेत्र में महिला की निर्मम हत्या कर दी गई.
ये रहे डराने वाले आंकड़े
यहीं नहीं 7 अगस्त को खंडवा में 12 साल की बच्ची दुष्कर्म किया गया. 28 जुलाई को मैहर में 12 साल की नाबालिग बच्ची से गैंगरेप किया. 29 जुलाई को उज्जैन में नाबालिग से गैंगरेप हुआ. 28 जुलाई को इंदौर में मानसिक महिला से कई बार दुष्कर्म का मामला सामने आया. 27 जुलाई को गुना में बच्ची का अपहरण कर इंदौर गैंगरेप किया. 25 जुलाई को भोपाल में 8वीं की छात्रा से छेड़छाड़ करतूत सरकारी स्कूल के शिक्षक की. विदिशा में तो हद हो गई यहां छेड़छाड़ से पीड़ित लड़की को न्याय नहीं मिलने पर बाप-बेटी सुसाइड कर लिया.
दावों की निकली हवा
महिलाओं पर अपराध से जुड़े आंकड़े बहुत लंबे हैं. बच्चियों की सुरक्षा के दावों की हवा निकल गयी है. एमपी में चुनाव है इसलिए सरकार चुनाव की तैयारी में मस्त है. स्वाभाविक है की सरकार का ध्यान अभी सिर्फ वोट बैंक पर केंद्रित है. अपराधियों का खौफ ज्यादा बढ़ गया है या फिर पुलिस पर न्याय का पीड़ितों को भरोसा नहीं रहा. कहीं महिलाएं पुलिस तक तक पहुंच रही हैं तो पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी हुई है और अपराधियों को नहीं पकड़ पा रही. आखिरकार एमपी में अपराधियों को कौन आश्रय दे रहा है?