अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले दिग्गी फिर हमलावर, एक्स पोस्ट के हवाले से बीजेपी और संघ पर बरसे
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अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले दिग्गी फिर हमलावर, एक्स पोस्ट के हवाले से बीजेपी और संघ पर बरसे

अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसे लेकर पूरे देश में खास तैयारी की जा रही है. आमजन इस दिन को दिपावली की तरह मनाने की तैयारी कर रह हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. दूसरी तरफ कुछ नेता सिर्फ बयानबाजी में लगे हुए हैं.  

File Photo

MP News: अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले जमकर राजनीति हो रही है. देशभर में इसे लेकर कई तरह की बयानबाजी देखी जा रही है. मध्य प्रदेश कांग्रेस भी कई तरह के सवाल खड़े कर चुकी है. अब एमपी कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्गविजय सिंह ने एक एक्स पोस्ट का हवाला देते हुए बीजेपी के साथ संघ पर बड़े आरोप लगाए. दिग्गी ने कहा कि संघ पूरे देश में सभी धर्म स्थानों पर क़ब्ज़ा करना चाहती है और सदियों पुरानी परंपराओं को समाप्त कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा कि सनातन धर्म के हर आयोजन में नारा होता है 'धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, हमारा हर धार्मिक आयोजन बिना “शांति पाठ” के नहीं होता, तो देश में अशांति क्यों फैलायी जा रही है.

पढ़िए क्या लिखा है एक्स पोस्ट में 
धन्यवाद  @kkjourno आपने ज्योतिषापीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरान्द सरस्वती जी महाराज का वक्तव्य सोशल मीडिया पर डाला। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जी ने इसीलिए चारों शंकराचार्य जी के साथ रामानन्द सम्प्रदाय के स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज को सदस्य बना कर रामालय न्यास का गठन किया था और सबसे वरिष्ठ द्वारिका व ज्योतिषापीठ  के शंकराचार्य स्व स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज को उसका अध्यक्ष बनाया था। कांग्रेस मंदिर निर्माण धर्माचार्यों को सौंपना चाहती थी ना कि राजनैतिक लोगों को। मैं पहले भी कहना चाहता था. @RSSorg पूरे देश में सभी धर्म स्थानों पर क़ब्ज़ा करना चाहते हैं और सदियों पुरानी परंपराओं को समाप्त कर रहे हैं। यह लोग समाज में “फूट डालो राज करो की राजनीति अपना रहे हैं। पहले हिंदुओं मुसलमानों में फूट डाली फिर राम नाम को भाजपा व ग़ैर भाजपा में बाँट दिया अब शंकराचार्य व रामानन्द सम्प्रदाय को बाँट रहे हैं। चंपत राय जी संघ के प्रचारक हैं और उन्होनें राम भक्तों के चंदे से ज़मीन ख़रीदी में घपला कर भ्रष्टाचार किया। अब राम मंदिर के संचालन कर राम भक्तों की श्रद्धा से चढ़ाई हुई भेंट पर @BJP4India @RSSorg का प्रचार करेंगे। सभी धर्म समाज को जोड़ते हैं राजनीति समाज को बाँटती है। धर्म श्रद्धालुओं से मेरी प्रार्थना है धर्म से राजनीति अलग करो “सर्व धर्म सम भाव” का पालन करो.

 

शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हो रहे
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के चारों शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने वाले हैं. इसे लेकर दिग्विजय सिंह ने लिखा 'पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने इसीलिए चारों शंकराचार्य के साथ रामानन्द सम्प्रदाय के स्वामी रामनरेशाचार्य महाराज को सदस्य बनाया था और रामालय न्यास का गठन किया था. कांग्रेस मंदिर निर्माण धर्माचार्यों को सौंपना चाहती थी ना कि राजनैतिक लोगों को. मैं पहले भी कहना चाहता था. आरएसएस पूरे देश में सभी धर्म स्थानों पर क़ब्ज़ा करना चाहती हैं और सदियों पुरानी परंपराओं को समाप्त कर रही हैं. यह लोग समाज में फूट डालो राज करो की राजनीति अपना रहे हैं'. 

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