दिवाली (Diwali) के पांच दिन त्योहार के आखिरी दिन भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है.
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नई दिल्ली: दिवाली (Diwali) के पांच दिन त्योहार के आखिरी दिन भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है. इसे रक्षाबंधन की तरह ही मनाया जाता है. इस बार भाईदूज का त्योहार कल मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं. इसके अलावा भाई दूज के दिन पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए. आइए जानते हैं...
Bhai Dooj 2021: भाई दूज पर इस साल का ये है शुभ मुहूर्त, क्या है इस दिन से जुड़ी मान्यताएं
सबसे पहले जानिए शुभ मुहूर्त
इस साल बहनें अपने भाई को तिलक करने और उनकी लंबी उम्र की कामना के लिए 6 नवंबर को इस मनाएंगी. इसे यम द्वितीया भी कहते हैं. देखिए इस बार भाई दूज का शुभ मुहूर्त. भाई दूज की तिथि 5 नवंबर को रात 11 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रहा है. ये 6 नवंबर को शाम 7 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. इस दिन भाईयों को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 बजे से लेकर 3 बजकर 21 बजे तक रहेगा. इस दो घंटे के शुभ मुहूर्त में ही भाई को तिलक लगाएं.
भाई दूज पूजा में शामिल करें ये
भाई दूज के दिन पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए. इसमें आरती की थाली, टीका, चावल, नारियल, सूखा नारियल, मिठाई, कलावा, दीया, धूप और रुमाल जरूर रखें.
कुमकुम या हल्दी पाउडर
भाई दूज पर बहनें सबसे पहले भाइयों को तिलक लगाती हैं. ऐसे में तिलक लगाने के लिए कुमकुम(रोला) का होना बहुत जरूरी है. रोली के स्थान पर हल्दी पाउडर का तिलक भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा भाईदूज के दिन पूजा थाली में रोली जरूर रखें.
चावल
गौरतलब है कि तिलक लगाने के बाद माथे पर चावल भी लगाया जाता है. इसको अक्षत भी कहते हैं. ध्यान रहें कि चावल टूटा हुआ नहीं होना चाहिए. भाईदूज के दिन पूजा की थाली में चावल जरूर रखें.
आरती के लिए दीया
भाईदूज के दिन बहनें अपने भाईयों की आरती भी उतराती हैं. आरती उतारने के लिए पूजा की थाली में दीपक का होना जरूरी है.
पूजा थाली में मिठाई
भाईदूज के पावन पर्व में बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं. इसलिए पूजा की थाली में मिठाई का होना जरूरी होता है.
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पूजा करते समय पढ़ें ये मंत्र
बहन भाइयों की खुशी के लिए इस दिन पूजा के दौरान ये मंत्र भी पढ़ा जाता है.
मंत्र- ''गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े.
नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. ZEEMPCG इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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