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प्रदीप मिश्रा/भिंड: विकास कार्यों का लोकार्पण करने भिंड पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) की सभा में एक्स आर्मी मैन अपनी बात कहने के लिए हंगामा करता नजर आया. हंगामा करते एक्स आर्मी मैन को पुलिस ने धकियाते हुए बाहर लाकर कुर्सी पर बिठाया गया. हालांकि सिंधिया द्वारा भाषण के दौरान बीच में ही टोक कर कार्यक्रम के बाद मिलने का आश्वासन दिया. जिसके बाद कार्यक्रम समाप्ति पर एक्स आर्मी मैन अरुण सिंह को बुलाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उसकी बात सुनी उससे शिकायती डॉक्यूमेंट की एक फाइल लेकर उसके साथ न्याय करने का आश्वासन दिया.
दरअसल भिंड के बाईपास पर रहने वाले एक्स आर्मी मैन अरुण सिंह का आरोप हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया करीबी भिंड निवासी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रमेश दुबे द्वारा उसकी पुश्तैनी जमीन को हथिया कर कब्जा कर रखा है. एक्स आर्मी मैन का कहना हैं कि उसकी जमीन के पास ही भाजपा नेता रमेश दुबे का मकान है. जिन्होंने उसकी जमीन पर अवैध कब्जा कर स्थाई निर्माण कर लिया है. जिसकी शिकायत उसने तत्कालीन कलेक्टर इलैयाराजा से भी की थी. उस समय कार्रवाई भी हुई, लेकिन कब्जा नहीं छूट पाया.
अरुण सिंह का कहना हैं कि बार-बार गुहार लगाने के बाद भी ना तो वह सीमांकन कराते हैं ना ही उसके द्वारा कराये गए सीमांकन को मान्यता देते हैं. साथ ही भाजपा नेता रमेश दुबे उसको जान से मारने की धमकी भी देते हैं. लिहाजा उसको और उसके परिवार को भाजपा नेता और कांग्रेस के समय से ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी रहे पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष और वर्तमान प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य रमेश दुबे से उसको जान का खतरा भी है.
एक्स आर्मी मैन अरुण सिंह का कहना हैं कि डॉ रमेश दुबे सिंधिया का नाम लेकर धमकी देते हैं. मैं उनका करीबी हूं, कोई मेरा क्या बिगाड़ सकता है. सिंधिया से शिकायत के दौरान सैनिक द्वारा दिए जाने वाले डॉक्यूमेंट फाइल को डॉ रमेश दुबे फर्जी बताने लगे. जिस पर अरुण सिंह का कहना है कि एक आर्मी मैन क्या फर्जी डॉक्यूमेंट ला सकता है? लेकिन बीते 16 सालों से लगातार हर जायज प्लेटफार्म पर अपनी जमीन भाजपा नेता से मुक्त कराने की गुहार लगाने के लिए बार-बार नौकरी से छुट्टी लेकर आने से थक चुके है.
अरुण सिंह ने कहा कि उसने सेना में पहले से ही वीआरएस ले लिया है. अब उन्होंने डॉ रमेश दुबे की शिकायत सीधे केंद्रीय मंत्री ज्योतिराज सिंधिया से की है. अरुण सिंह ने बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उसको न्याय का भरोसा दिया है. अब देखना होगा कि देश की सीमा पर दुश्मनों से लड़ने वाला वीर सैनिक पुश्तैनी जमीन को मुक्त कराने की लड़ाई को सफेद पोश नेताओं से कब तक जीत पाता है.
जांच को तैयार
वहीं जब इस मामले पर बीजेपी नेता रमेश दुबे से बात की गयी तो उनका कहना था कि उनकी राजनीतिक छवि खराब करने का कुछ लोगो का षड्यंत्र है. अगर किसी को उनकी ज़मीन के बारे में आपत्ति है तो वह आपत्ति वाली जगह का नाप कराने को तैयार है. आर्मी मैन को तो भड़का कर तैयार कर प्रिप्लान तरीक़े से सिंधिया के सामने पेश किया गया है. वह किसी भी जांच को तैयार है.