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चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम: रतलाम में सांसद गुमान सिंह डामोर (Guman Singh Damor) का बड़ा अजीबोगरीब बयान सामने आया है. उन्होंने आदिवासी मजदूरों के अन्य प्रदेश में पलायन (exodus of tribal laborers) से इनकार करते हुए कहा कि इसे पलायन नहीं कहते. अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम के आदिवासी भाई बहन अच्छे रोजगार की तलाश में जाते हैं, और वापस लौट आते हैं.
इतना ही नही सांसद गुमान सिंह बोले कि तमिलनाडु में मजदूर को एक हजार प्रतिदिन मिलता है. हमारे यहां हम 100 दिन रोजगार देते हैं, ऐसे में कहीं ज्यादा पैसा मिलता है, तो मजदूर वहां जाकर काम करता है.
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हमारे यहां मेन पावर ज्यादा
दरअसल जब सांसद गुमान सिंह से पूछा गया कि तमिलनाडु में जहां मजदूरी ज्यादा मिलती है तो ऐसी व्यवस्था हमारे यहां क्यों नहीं है? इस सवाल पर सांसद गुमान सिंह का बड़ा अजीब तर्क सामने आया और उन्होंने कहा कि वहां मेन पावर की कमी है और हमारे यहां मेन पावर ज्यादा है.
जयस ने दी आंदोलन की चेतवानी
वहीं इस बयान के बाद अब आदिवासी संगठन जयस ( जय आदिवासी युवा संगठन )के नेता आक्रोशित है और इस बयान के खिलाफ जल्द विरोध प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं. मध्यप्रदेश जयस सरंक्षक (जय आदिवासि युवा संगठन प्रदेश सरंक्षक ) डॉ अभय ओहरी ने बताया कि यह निंदनीय बयान है. आदिवासी बड़ी संख्या में मजदूरी के लिए पलायन करते हैं. मध्यप्रदेश से बाहर अन्य जिलों में जाते है, कई बार दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है, बच्चे शिक्षा से दूर हो रहे है. ऐसे में इन आदिवासियों के पलायन को रोकने के बजाए सांसद का यह बयान निदनीय है. हम जल्द विरोध प्रर्दशन करेंगे.