Maa Kushmanda Puja: नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा, जानिए पूजा विधि,मंत्र व आरती
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1625629

Maa Kushmanda Puja: नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा, जानिए पूजा विधि,मंत्र व आरती

Chaitra Navratri 4th Day: चैत्र नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है, ऐसी मान्यता है कि माता कूष्मांडा की पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है. आइए जानते हैं आज नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की कैसे करें पूजा...

Maa Kushmanda Puja: नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा, जानिए पूजा विधि,मंत्र व आरती

Chaitra Navratri 2023 4th Day Maa Kushmanda Puja: आज चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. आज के दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यतानुसार ने ही पूरे ब्रम्हांड की रचना की थी. इसलिए इन्हें सृष्टि और आदिशक्ति कहा जाता है. माता कूष्मांडा सिंह की सवारी करती हैं और इनके सात हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा रहता है. मां कूष्मांडा की पूजा से बुद्धि का विकास होता है और जीवन में निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है. आइए जानते हैं आज यानी 25 मार्च को नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की कैसे करें पूजा और क्या है आरती मंत्र?

मां कूष्मांडा पूजा विधि
नवरात्रि के चौथे दिन ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद साफ-सूथरे वस्त्र धारण करें. इसके बाद मां कुष्मांडा का ध्यान कर उन्हें धूप, गंध, अक्षत, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल और सूखे मेवे अर्पित करें. साथ ही घी का दीपक जलाएं. इन्हें आप दही और हलवे का भोग लगाएं. इसके बाद आप ध्यान करते हुए नीचे दिए गए मंत्र से मां की आराधना करें और पूजा के समापन के दौरान माता कूष्मांडा की आरती करें. 

देवी कूष्मांडा का मंत्र-

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिताण्
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमरू

देवी कूष्मांडा ध्यान मंत्र-

वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्ण्
सिंहरूढाअष्टभुजा कुष्माण्डायशस्वनीम्॥
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव चण्
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्ण्
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥

दृ दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्ण्
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

दृ जगन्माता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्ण्
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की आरती-

चौथा जब नवरात्र होए कूष्मांडा को ध्याते।
जिसने रचा ब्रह्मांड यहए पूजन है

आद्य शक्ति कहते जिन्हेंए अष्टभुजी है रूप।
इस शक्ति के तेज से कहीं छांव कहीं धूप॥

कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार।
पेठे से भी रीझती सात्विक करें विचार॥

क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार।
उसको रखती दूर मांए पीड़ा देती अपार॥
सूर्य चंद्र की रोशनी यह जग में फैलाए।
शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥

नवरात्रों की मां कृपा कर दो मां
नवरात्रों की मां कृपा करदो मां॥

जय मां कूष्मांडा मैया।

जय मां कूष्मांडा मैया॥

ये भी पढ़ेंः Aaj Ka Rashifal: आज सूर्य की तरह चमकेगी इन 4 राशियों की किस्मत, पढ़िए अपना राशिफल
(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news