'दे दारू...' शराब में भारी डिस्काउंट का उठाएं फायदा, ठेकेदार करा रहा था प्रचार, पुलिस ने की कार्रवाई
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'दे दारू...' शराब में भारी डिस्काउंट का उठाएं फायदा, ठेकेदार करा रहा था प्रचार, पुलिस ने की कार्रवाई

अब तक आपने कपड़ों या फिर किसी अन्य चीजों में डिस्काउंट के विज्ञापन या प्रचार तो देखे होंगे, लेकिन राजगढ़ में अलग ही नजारा देखने को मिला है. मार्च क्लोजिंग को लेकर यहां शराब दुकानों में आधी कीमत में शराब बेंची जा रही है. शराब की दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है.

'दे दारू...' शराब में भारी डिस्काउंट का उठाएं फायदा, ठेकेदार करा रहा था प्रचार, पुलिस ने की कार्रवाई

अनिल नागर/राजगढ़:अब तक आपने कपड़ों या फिर किसी अन्य चीजों में डिस्काउंट के विज्ञापन या प्रचार तो देखे होंगे, लेकिन राजगढ़ में अलग ही नजारा देखने को मिला है. मार्च क्लोजिंग को लेकर यहां शराब दुकानों में आधी कीमत में शराब बेंची जा रही है. शराब की दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है. ऐसा इसलिए भी कि रागढ़ के गलियों में शराब की कीमतों में भारी डिस्काउंट का प्रचार बाजारों में माइक के माध्यम से किया जा रहा है.

दुकान में लगाए गए पोस्टर
राजगढ़ में शराब ठेकेदारों ने बुधवार के साप्ताहिक हाट में रेट में भारी कमी का एनाउंसमेंट करवाया. इस एनाउंसमेंट के बाद शराब दुकानों की ओर कई लोगों ने रुख किया. शराब दुकान की खिड़की पर भी एक बड़ा पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है भाव में भारी कमी.

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लाउडस्पीकर से हो रहा प्रचार
प्रचार-प्रसार के लिए एक व्यक्ति बाइक पर लाउडस्पीकर बांधकर गली-मोहल्लों में घूम रहा है. वह 'दे दारू.....' गाना बजाते हुए एनाउंसमेंट कर रहा है कि शराब में भारी छूट मिल रही है. इसका फायदा उठाएं. जानकारों की माने तो इस प्रकार से खुलेआम प्रचार करना गैर कानूनी है. कोई भी इसतरह के प्रचार-प्रचार के लिए यह नहीं कर सकता है.

पुलिस ने की कार्रवाई
हालांकि मामले की शिकायत के बाद शराब बिक्री के संबंध में एनाउंसमेंट पुलीस प्रशासन जागा और एलाउंसमेंट करने वाले व्यक्ति पर चालानी कार्रवाई करते हुए एनाउंसमेंट बंद करा दिया है. पुलिस अधिकारियों का ने कहा कि इस तरह के प्रचार करना समाज के लिए सही नहीं है.

क्यों मिल रही है छूट
31 मार्च को हर साल शराब के पुराने टेंडर बदल जाते हैं. ऐसे में ठेकेदारों को इस बाद की आशंका भी रहती है कि क्या पता अगला ठेका उन्हें मिलेगा कि नहीं. ऐसे में वो अपना माल खपाने की हर कोशिश करते हैं, जिससे ठेका न मिलने पर उन्हें भारी नुकसान न उठाना पड़े.

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