इंदौर-भोपाल में कमिश्नर प्रणाली लागू, ADG स्तर के होंगे अधिकारी होंगे कमिश्नर
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इंदौर-भोपाल में कमिश्नर प्रणाली लागू, ADG स्तर के होंगे अधिकारी होंगे कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर सिस्टम के लिए नोटिफिकेशन सीएम के पास भेजा गया था. जहां से मंजूरी मिलने की खबर है. 

इंदौर-भोपाल में कमिश्नर प्रणाली लागू, ADG स्तर के होंगे अधिकारी होंगे कमिश्नर

भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रणाली लागू हो गई है. इसके लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यह जानकारी गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी है. पुलिस कमिश्नर सिस्टम के लिए नोटिफिकेशन सीएम के पास भेजा गया था. जहां से मंजूरी मिलने की खबर है. 

सीएम शिवराज ने ड्राफ्ट को दी मंजूरी 
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुरूप भोपाल और इंदौर में आज से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का फैसला लिया गया है, इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. इसलिए अब दोनों शहरों में कमिश्नर प्रणाली लागू की जा रही है, एडीजे (ADJ) स्तर के अधिकारी पुलिस कमिश्नर होंगे. गृहमंत्री ने कहा कि कमिश्नर प्रणाली में भोपाल के 38 पुलिस थाना क्षेत्र और इंदौर के 36 पुलिस थाना क्षेत्र शामिल किए जाएंगे. 

पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए भी यह फैसला बड़ा साबित होगा. अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को और सशक्त बनाने के लिए इंदौर भोपाल में कमिश्नर सिस्टम लागू करने की बात कही गई है. ताकि आम जनता कानून के प्रति बने. इस सिस्टम में एक पुलिस कमिश्नर होंगे. साथ ही 3 अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर रैंक के अधिकारी होंगे. 8 अधिकारी उपायुक्त स्तर के होंगे. वहीं 12 अधिकारी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त स्तर के होंगे. इस सिस्टम में 29 अधिकारी सहायक पुलिस उपायुक्त स्तर के भी होंगे. 

भोपाल इंदौर में पुलिस को मिलेंगे यह बड़े अधिकार 
राजधानी भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद अब पुलिस के अधिकार बढ़ेंगे. पुलिस कमिश्नर प्रणाली के तहत पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा जैसे 107, 116, 144, 133 के अधिकार मिल जाएंगे. इनके अलावा पुलिस एक्ट, मोटरयान अधिनियम, एनएसए के अधिकार भी पुलिस को मिल जाएंगे. राज्य सुरक्षा अधिनियम, जिला बदर अधिकार, प्रिजनर एक्ट, अनैतिक देह व्यापार अधिनियम और शासकीय गोपनीय अधिनियम के अधिकार भी पुलिस के पास चले जाएंगे. मतलब प्रतिबंधात्मक धाराओं में गिरफ्तार आरोपियों की जमानत पुलिस कोर्ट से होगी. किसी अपराधी को जिला बदर करने का अधिकार भी पुलिस अफसरों के पास होगा.

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