MP में BJP के कद्दावर नेता को कांग्रेस ने दिया था बड़ा ऑफर, अब तक अजेय रहा है इनका चुनावी सफर
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MP में BJP के कद्दावर नेता को कांग्रेस ने दिया था बड़ा ऑफर, अब तक अजेय रहा है इनका चुनावी सफर

MP Election 2023: कांग्रेस ने बीजेपी के एक सीनियर नेता को पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया था, यह बात खुद बीजेपी के दिग्गज नेता ने बताई है. 

कांग्रेस ने बीजेपी नेता को दिया था ऑफर

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में चुनाव का औपचारिक ऐलान होना भले ही अभी बाकि है, लेकिन चुनावी समर में सियासी बयानबाजी का तड़का राजनीति हलकों का पारा जरूर बढ़ा रहा है. अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचान रखने वाले शिवराज सरकार के सीनियर मंत्री गोपाल भार्गव ने ऐसा ही एक बयान दिया है, जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. पूरा मामल दलबदल और पार्टी बदलने के मुद्दे से जुड़ा है. 

मुझे भी ऑफर दिया गया था 

दरअसल, सोशल मीडिया पर मंत्री गोपाल भार्गव का एक बयान जमकर वायरल हो रहा है, उन्होंने सभा में मंच से दलबदल के मुद्दे पर बोलते हुए कहा 'मुझे भी कांग्रेस की तरफ से ऑफर दिया गया था, लेकिन मैं बिकाऊ नहीं बल्कि टिकाऊ माल हूं. गोपाल भार्गव ने कहा आज कल लोग जरा से में डिग जाते हैं, जरा से में बिक जाते हैं. लेकिन मैं 20 साल विपक्ष में रहा मुझ पर डोरे डाले गए पर मैने कहा में बिकाऊ नहीं टिकाऊ हूं.'

इन नेताओं ने दिया था ऑफर 

गोपाल भार्गव ने बताया 'जब वह विपक्ष में थे, उस वक्त सूबे में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी. दिग्विजय सिंह, श्यामा चरण शुक्ल, मोतीलाल वोरा इस दौरान मुख्यमंत्री रहे, इस दौरान मुझ से लगातार पार्टी बदलने के लिए संपर्क किया गया था, मुझ पर खूब डोरे डाले गए थे, लेकिन मैं बीजेपी का आदमी हूं. हमें कोई नहीं बुला सकता.' 

इतना ही नहीं पार्टी बदलने वाले नेताओं को जमकर घेरा, गोपाल भार्गव ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी आये ओर बीजेपी छोड़ दूसरी पार्टी जॉइन करने वाले नेताओ को बिकाऊ बताया. ऐसे में चुनावी समर गोपाल भार्गव का यह बयान बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए समस्या जरूर खड़ी करते दिख रहा है. 

चुनावों में अजेय रहे हैं गोपाल भार्गव

बता दें कि गोपाल भार्गव 1985 से 2018 तक लगातार आठ विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर सागर जिले की रहली विधानसभा सीट से जीत चुके हैं. 2003 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वह हर सरकार में मंत्री बने हैं. गोपाल भार्गव ने लगातार 15 साल तक कैबिनेट मंत्री रहने का रिकॉर्ड भी बनाया है, जबकि 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान वह नेता प्रतिपक्ष भी रहे थे.

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